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दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग बिहार के लिए रवाना:महाबलीपुरम से पहुंचेगा पूर्वी चंपारण, 3 करोड़ आई लागत;10 साल में बनकर हुआ तैयार

पूर्वी चंपारण के चकिया में विराट रामायण मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। इस मंदिर में स्थापित करने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग महाबलीपुरम से बिहार के लिए रवाना किया गया है। तमिलनाडु के महाबलीपुरम के पट्टीकाडु गांव में बीते 10 साल से 33 फीट के शिवलिंग का निर्माण हो रहा था। इस शिवलिंग को 96 चक्कों की हैवी ट्रक से बिहार के पूर्वी चंपारण लाया जा रहा है। इस शिवलिंग के मुख्य शिल्पकार लोकनाथ हैं। शिवलिंग को रवाना करने के पहले पूजा-पाठ की गई शिवलिंग को रवाना करने के पहले पूजा-पाठ की गई। इसके लिए महावीर मंदिर के सुपरिटेंडेंट के. सुधाकरण और जनसंपर्क पदाधिकारी अजय कुमार सिंह वहां पहुंचे हुए हैं। शिवलिंग निर्माण करने वाली कंपनी के संस्थापक विनायक वेंकटरमण ने बताया कि, ‘इस शिवलिंग को बनाने में करीब तीन करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। नए साल में फरवरी तक यह शिवलिंग विराट रामायण मंदिर में स्थापित हो जाएगा।’ बिहार पहुंचने के लिए शिवलिंग का रूट इस शिवलिंग को महाबलीपुरम से पूर्वी चंपारण स्थित विराट रामायण मंदिर परिसर में पहुंचने में 20 से 25 दिन का समय लग सकता है। शिवलिंग का वजन 210 मीट्रिक टन है। रास्ते में विभिन्न राज्यों के शहरों में शिवलिंग का स्वागत भी किया जाएगा। यह शिवलिंग महाबलीपुरम होते हुए होसुर, होसाकोट, देवनाहाली, कुरनुल, हैदराबाद, निजामाबाद, अदिलाबाद, नागपुर, सीवनी, जबलपुर, कंपनी, मैहर, सतना, रिवा, मिर्जापुर, आरा, छपरा, मसरख, मोहम्मदपुर, केसरिया होते हुए चकिया पहुंचेगा, जहां विराट रामायण मंदिर का निर्माण हो रहा है। वोल्वो हाइड्रोलिक पुलर गाड़ी से शिवलिंग पहुंच रहा बिहार महावीर मंदिर स्थान न्यास समिति के सचिव सायण कुणाल के मुताबिक, ‘हर संभव कोशिश की जा रही है कि मंदिर का निर्माण कार्य निर्धारित समय के तहत जल्द से जल्द पूरा कराया जा सके। उसी के तहत निर्माण कार्य भी चल रहा है। उन्होंने बताया कि, ‘इससे राज्य में विश्व का सबसे बड़ा मंदिर बिहार में स्थापित हो सके। इस शिवलिंग में 1 हजार छोटे शिवलिंग भी हैं, जिसे सहस्रलिंगम के रूप में जाना जाता है। वोल्वो हाइड्रोलिक पुलर गाड़ी से यह शिवलिंग बिहार पहुंचेगी। इस गाड़ी के साथ-साथ एक स्क्वाड भी मौजूद रहेगा।’ चांदी के 15 फीट ऊंचे अरघा पर होगा स्थापित इस शिवलिंग को सहस्रलिंगम कहा जाता है। इसके साथ एक हजार छोटे शिवलिंग होते हैं। तमिलनाडु के महाबलीपुरम में ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर की चट्टान को तराशकर इस शिवलिंग का निर्माण किया गया है। चांदी के 15 फीट ऊंचे अरघा पर यह शिवलिंग स्थापित होगा। जिस ट्रक से इसे लाया जाएगा, उसकी रफ्तार 5 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। अधिक वजन से कहीं सड़क न धंस जाए, इसलिए चकिया से कैथवलिया तक 12 किलोमीटर विशेष तकनीक से सड़क व पुल-पुलिया का निर्माण हुआ है। 540 फीट चौड़ा होगा यह मंदिर विराट रामायण मंदिर का निर्माण महावीर मंदिर न्यास समिति की ओर से कराया जा रहा है। विराट रामायण मंदिर का प्रवेश द्वार, गणेश स्थल, सिंह द्वार, नंदी, शिवलिंग, गर्भ गृह का पाइलिंग का काम पूरा हो चुका है। आकार में यह मंदिर 1080 फीट लंबा और 540 फीट चौड़ा होगा। इसमें कुल 18 शिखर और 22 मंदिर होंगे और मुख्य शिखर की ऊंचाई 270 फीट, चार शिखर की ऊंचाई 180 फीट, एक शिखर की ऊंचाई 135 फीट, आठ शिखर की ऊंचाई 108 फीट और एक शिखर की ऊंचाई 90 फीट होगी। दो साल पहले हुआ था शिलान्यास 20 जून 2023 को शिलान्यास के बाद विराट रामायण मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया गया है। विराट रामायण मंदिर का निर्माण बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया और चकिया के बीच जानकीनगर में हो रहा है। पटना से इस मंदिर की दूरी लगभग में 120 किलोमीटर है। विराट रामायण मंदिर में चार आश्रम होंगे। यह मंदिर आचार्य किशोर कुणाल का ड्रीम प्रोजेक्ट है।


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