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दिल्ली HC बोला- क्रिकेट बेटिंग से कमाया हर मुनाफा अपराध:कहा- यह जहरीले पेड़ की तरह, इसका फल कैसे वैध; PMLA में बेटिंग अपराध नहीं

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बेटिंग रैकेट से जुड़ी 6 याचिकाएं खारिज करते हुए कहा कि नेटवर्क अपराध पर खड़ा था। इसलिए इससे कमाया हर मुनाफा अपराध है। दरअसल, क्रिकेट बेटिंग से जुड़े मुकेश कुमार, उमेश चौटालिया, नरेश बंसल, घनश्याम भाई पटेल और अन्य ने याचिका लगाई थी। कहा था- ईडी के जारी अस्थायी अटैचमेंट और नोटिस रद्द किए जाएं। क्रिकेट बेटिंग PMLA में अपराध नहीं है। उनकी संपत्ति गैर-कानूनी आय नहीं मान सकते। हाईकोर्ट ने फैसले में कहा- दलीलें खारिज की जाती हैं। रैकेट की बुनियाद अपराध पर टिकी थी। डिजिटल फर्जीवाड़े, फर्जी केवाईसी, हवाला चेन और बिना दस्तावेज वाले सुपर मास्टर लॉगिन आईडी मुख्य अपराध की बुनियाद हैं। यह सब जहरीले पेड़ की तरह है, जब पेड़ जहरीला हो तो फल कैसे वैध हो सकता है। हालांकि, कोर्ट ने बेटिंग को जहरीला पेड़ नहीं कहा। PMLA अथॉरिटी में एक सदस्य का आदेश भी मान्य कोर्ट ने कहा कि ईडी की कार्रवाई ठोस सबूतों पर थी। पूरा रैकेट धोखाधड़ी और अवैध नेटवर्क पर आधारित था। इसीलिए संपत्ति अटैच करना और नोटिस जारी करना सही माना गया। कोर्ट ने साफ कहा कि PMLA की एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी एक सदस्य के साथ भी वैध है। ईडी की अटैचमेंट की जांच करने वाली इस अथॉरिटी को सुनवाई या आदेश के लिए तीन सदस्यों के पूर्ण पैनल की जरूरत नहीं। एक सदस्य है तो वह भी नोटिस, सुनवाई और आदेश पारित कर सकता है। नोटिस भेजने के लिए पहले संपत्ति जब्त होना जरूरी नहीं। नोटिस देना सुनवाई शुरू करने का पहला कदम है। संपत्ति की अटैचमेंट अलग कदम है। नोटिस तब भी जारी हो सकता है, जब अटैचमेंट न हुई हो। अटैचमेंट तब भी हो सकती है जब नोटिस बाद में आए। ………………………………………. ऑनलाइन गेमिंग रेगुलेशन से जुड़ी ये खबर पढ़ें… ऑनलाइन गेमिंग रेगुलेशन पर केंद्र का हलफनामा:सुप्रीम कोर्ट में कहा- मनी गेमिंग ऐप्स का टेरर फाइनेंस से लिंक, नेशनल सिक्योरिटी को खतरा केंद्र सरकार ने 26 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर बताया कि अनरेगुलेटेड ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स का टेरर फाइनेंस और मनी लॉन्ड्रिंग से लिंक है। इसलिए इन्हें रेगुलेट करने के लिए कानून बनाना जरूरी था। केंद्र ने बताया कि ऑनलाइन पैसों वाले गेम तेजी से बढ़ रहे हैं और इससे धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी और कुछ मामलों में आतंकवाद को फंडिंग हो रही है, जो नेशनल सिक्योरिटी के लिए खतरा हैं। पूरी खबर पढ़ें…


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