दिवाली की रात से ही दिल्ली एनसीआर की हवा जहरीली बनी हुई है। ज्यादातर इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 1000 के पार पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद भी लोगों ने खूब पटाखे जलाए। नतीजा यह रहा कि 25 अक्टूबर की सुबह कई जगहों पर AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया। हालांकि इस साल पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में 77.5% की कमी आई है। इसके बावजूद दिल्ली की हवा में सुधार नहीं दिखा। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, पीएम 2.5 का स्तर 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक नहीं होना चाहिए, जबकि दिल्ली में यह मानक से करीब 24 गुना अधिक दर्ज हुआ। लोकल सर्किल्स के सर्वे के मुताबिक, दिल्ली-NCR के 25% परिवारों में एक या अधिक सदस्य आंखों में जलन, सिरदर्द या नींद न आने की समस्या से जूझ रहे हैं। हर चार में से 3 परिवारों में कोई न कोई बीमार है। 42% घरों में किसी न किसी को गले में खराश या खांसी की शिकायत है। सर्वे में दिल्ली-एनसीआर के 44 हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी राय दी। इनमें 61% पुरुष और 39% महिलाएं शामिल हुई थीं। उधर, उधर बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनता नजर आ रहा है। 27 अक्टूबर को इसके चक्रवात में तब्दील होने की संभावना है। तूफान का नाम मोन्था रखा गया है, जो थाईलैंड ने दिया है। जिसका अर्थ है सुगंधित फूल या सुंदर फूल। इनके लैंडफाल को लेकर ओडिशा में तैयारियां जारी हैं। आगे क्या? फिलहाल हवा में सुधार के कोई संकेत नहीं हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं। हवा की गुणवत्ता में हल्का सुधार तभी होगा जब उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलें या बारिश हो।
विशेषज्ञों की सलाह मोन्था को लेकर ओडिशा में अलर्ट, प्रशासन बोला- पूरी तैयारी मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में बना डिप्रेशन 26 अक्टूबर तक डीप डिप्रेशन में बदल जाएगा और 27 अक्टूबर की सुबह तक चक्रवात मोन्था के रूप में विकसित हो जाएगा। यह 28 अक्टूबर की शाम या रात को आंध्रप्रदेश के काकीनाड़ा के पास तट से टकरा सकता है। तूफान के दौरान 90–100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। वहीं, चक्रवात मोन्था के खतरे को देखते हुए ओडिशा फायर विभाग पूरी तरह अलर्ट पर है। विभाग ने बताया कि 27 से 29 अक्टूबर के बीच तूफान के असर की आशंका है। सभी जरूरी इंतजाम कर लिए गए हैं। फायर अधिकारी प्रभात कुमार ने कहा- हम पूरी तरह तैयार हैं। सरकार और प्रशासन के निर्देशों के अनुसार हमने सभी पावर बोट, OBM, पावर कटर और पोर्टेबल लाइट्स तैयार रखी हैं ताकि अंधेरे में भी राहत कार्य किया जा सके। बालासोर डीएम ने कहा कि चक्रवात के सदर इलाके में लैंडफॉल की संभावना है। मौसम विभाग ने 27 से 29 अक्टूबर तक यलो अलर्ट और 30 अक्टूबर को ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। सभी विभागों 24 घंटे एक्टिव हैं। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है, सूखी राशन सामग्री का इंतज़ाम किया गया है और मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत दी गई है।
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