सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJI) सूर्यकांत ने गुरुवार को दिल्ली-NCR में बढ़ते वायु प्रदूषण पर सुनवाई की। उन्होंने कहा कि हमारे पास कोई जादू की छड़ी नहीं है। मुझे बताइए कि हम क्या आदेश दे सकते हैं, जिससे हवा तुरंत साफ हो जाए। CJI ने कहा- दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के बिगड़ने के कई कारण हैं। इस क्षेत्र के एक्सपर्ट्स और साइंटिस्ट्स ही इसका हल निकाल सकते हैं। समस्या हम सबको पता है। समाधान ढूंढने की जरूरत है। प्रदूषण का कोई एक कारण है, यह सोचना बहुत बड़ी गलती हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 1 दिसंबर की तारीख तय की। CJI के साथ जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा- सोमवार को देखते हैं कि मामले पर हम क्या कर सकते हैं। CJI ने कहा- सुबह एक घंटे टहला, प्रदूषण से तबीयत बिगड़ी इससे पहले बुधवार को CJI सूर्य कांत ने SIR मामले पर सुनवाई के दौरान दिल्ली प्रदूषण को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा- मैं मंगलवार शाम को एक घंटा टहलने गया। प्रदूषण की वजह से मेरी तबीयत बिगड़ गई। CJI ने कहा- हमें जल्द इसका हल निकालना होगा। उन्होंने गंभीर वायु प्रदूषण के चलते सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई वर्चुअल मोड में शिफ्ट करने की संभावना पर विचार की बात भी कही। CJI ने कहा- 60 साल और उससे ज्यादा उम्र के वकीलों को इन-पर्सन (आमने-सामने) हियरिंग से बाहर रखने की बात पर विचार किया गया है। फैसला जल्द होगा। दरअसल, इलेक्शन कमीशन के एडवोकेट राकेश द्विवेदी ने CJI से खराब सेहत की वजह से सुनवाई से छूट मांगी थी। इस पर CJI ने कहा- यह दिल्ली के मौसम की वजह से हो रहा है। मैं सिर्फ टहलता हूं। अब यह भी मुश्किल हो रहा है। AQI में हल्का सुधार, दिल्ली-NCR में ग्रैप-3 की पाबंदियां हटीं दिल्ली-NCR में बुधवार को हवा की गुणवत्ता में हल्के सुधार के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रैप-3 की पाबंदियों को हटा लिया। इसके साथ ही दिल्ली में आधे कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की सुविधा और वाहनों पर लगी पाबंदियां खत्म कर दी गई हैं। साथ ही स्कूलों में चल रहीं हाइब्रिड मोड क्लास भी अब बंद कर दी गई हैं। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने CAQMके निर्देशों के बाद 50 फीसदी वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था खत्म होने की बात कही है। CAQM के अनुसार, पिछले कुछ दिनों के AQI डेटा की समीक्षा की गई। दिल्ली का AQI लगातार सुधार पर है। बुधवार को AQI 327 दर्ज किया गया है, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है लेकिन गंभीर श्रेणी से नीचे है। दिल्ली में 11 नवंबर को ग्रैप-3 की पाबंदियां लागू कर दी गई थीं। इनमें मुख्य तौर पर बीएस-3 तक के चार पहिया वाहनों के दिल्ली-NCR में प्रवेश पर रोक लगा दी थी। 19 राज्यों में प्रदूषण मानक से ऊपर, 60% जिलों की हवा बेहद खराब देश में वायु प्रदूषण का संकट अनुमान से कहीं ज्यादा बढ़ चुका है। 749 में से 447 जिलों (करीब 60%) की हवा में पीएम 2.5 का सालाना औसत राष्ट्रीय मानक से ज्यादा है। पीएम 2.5 का राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक (एनएएक्यूएस) 40 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर है। 19 राज्यों में प्रदूषण का वार्षिक औसत भी राष्ट्रीय मानक से ज्यादा है। एक चिंताजनक पहलू यह भी है कि देश का कोई भी जिला या राज्य वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के 5 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर के मानक पर खरा नहीं है। 50 सर्वाधिक प्रदूषित जिले चार राज्यों- दिल्ली, असम, हरियाणा और बिहार में ही केंद्रित हैं। ऊर्जा और स्वच्छ हवा पर काम करने वाले संगठन सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) की सैटेलाइट बेस्ड रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट में बताया गया कि दिल्ली, त्रिपुरा, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मेघालय और चंडीगढ़ में मानसून के अलावा हर मौसम में सभी जिले मानक से ज्यादा प्रदूषित रहे। —————————- दिल्ली प्रदूषण से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… इंडिया गेट पर नक्सली हिड़मा के पोस्टर लहराए, 22 गिरफ्तार; दिल्ली प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन में लाल सलाम और अमर रहे के नारे लगे दिल्ली में इंडिया गेट पर 23 नवंबर को वायु प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल लोगों ने देश के मोस्ट वांटेड नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा (44) के पोस्टर लहराए। पोस्टरों में हिड़मा की तुलना आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा से की गई। हिड़मा को जल, जंगल और जमीन का रखवाला बताया गया। सुरक्षाबलों ने 18 नवंबर को उसे एनकाउंटर में मार गिराया था। पूरी खबर पढ़ें…
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