दिल्ली: पहले नौकरों की भर्ती करता, फिर साथ में लूट-मर्डर… ऐसा शातिर था एनकाउंटर में मारा गया भीम जोरा

दिल्ली: पहले नौकरों की भर्ती करता, फिर साथ में लूट-मर्डर… ऐसा शातिर था एनकाउंटर में मारा गया भीम जोरा

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और गुरुग्राम क्राइम ब्रांच ने 6 और 7 अक्टूबर की दरमियानी रात 50 हजार के इनामी बदमाश भीम जोरा को एनकाउंटर में मार गिराया. जोरा मूलरूप से नेपाल का रहने वाला था. वह अलग-अलग राज्यों में कई चोरी, लूट और हत्या की घटना को वारदात दे चुका था. इसके अलावा वह एक गैंग भी चल रहा था. गैंग के जरिए वह पहले नौकरी के लिए युवाओं की भर्ती करता था और फिर उनकी मदद से क्राइम करता था.

साल 2024 में भीम जोरा ने दिल्ली के जंगपुरा में डकैती के दौरान डॉ पॉल की हत्या कर दी थी. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने उस पर 50 हजार का इनाम घोषित किया था. साथ ही गुरुग्राम में बीजेपी नेता ममता भारद्वाज के घर से जोरा ने 22 लाख की चोरी की घटना को अंजाम दिया था. बीते काफी समय से हरियाणा और दिल्ली पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई थी. इसी बीच 6 और 7 अक्टूबर की दरमियानी रात दिल्ली पुलिस और गुरुग्राम क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम को ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित आस्था कुंज पार्क इलाके में जोरा के होने की जानकारी मिली.

भीम जोरा की एनकाउंटर में मौत

पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर जोरा को गिरफ्तार करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस को देखते ही उसने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए फायरिंग की. इस बीच एक गोली जोरा को लग गई और वह बेहोश होकर गिर गया. आनन-फानन में उसे एम्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. आपको बता दें कि भीम जोरा मूलरूप से नेपाल के बजुरा जिले का रहने वाला था.

नेपाल भाग जाते थे गिरोह के सदस्य

पिछले डेढ़ दशक से वह भारत के कई राज्यों में एक्टिव था. उसने क्राइम का एक बड़ा साम्राज्य खड़ा किया हुआ था. भीम जोरा अपने देश नेपाल से नोकरों की भर्ती कर अमीरों लोगों के घर काम के लिए भेजता था. इसके बाद वह उन लोगों की मदद से मालिकों को खाने-पीने की चीज में नशीला पदार्थ मिलाकर उन्हें बेहोश कर देता था. इसके वह अपने साथियों के मिलकर लूट, डकैती और हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम देता था. इसके बाद उसके गिरोह के सदस्य नेपाल भाग जाते थे.

एजेंटों से सांठगांठ

भीम जोरा घरों में नौकर और अन्य कर्मियों के लिए मैनपावर देने वाली प्लेसमेंट एजेंसी के एजेंटों से सांठगांठ कर अपने गिरोह के लोगों को भेजता था. एजेंट ज्यादा मुनाफे की लालच में जोरा की बातों में आ जाते थे. इस दौरान वह लगातार अपनी गैंग के सदस्यों के संपर्क में रहता था और फिर मौका मिलते ही पूरी प्लानिंग के साथ लूट और डकैती जैसी घटना को अंजाम दिया जाता था.

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