दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी को नोटिस दिया है। यह नोटिस याचिका पर आया है, जिसमें दावा किया गया कि सोनिया गांधी का नाम 1980–81 की वोटर लिस्ट में गलत तरीके से जोड़ा गया था। इसके अलावा याचिका में मजिस्ट्रेट के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें सोनिया गांधी के खिलाफ दायर शिकायत को खारिज कर दिया गया था। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को भी नोटिस जारी किया है और पूरे केस का रिकॉर्ड (TCR) मंगाया है। अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी। इस दौरान सोनिया और राज्य सरकार को नोटिस का जवाब देना होगा।
यह याचिका विकास त्रिपाठी ने दायर की है। मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने की। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि सोनिया गांधी का नाम नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र की 1980 की वोटर लिस्ट में था, जबकि वे भारत की नागरिक अप्रैल 1983 में बनीं। 11 सितंबर को याचिका खारिज की गई थी इससे पहले राउज एवेन्यू कोर्ट के ACMM वैभव चौरेसिया ने 11 सितंबर को याचिका को खारिज किया था। उन्होंने कहा था कि कोर्ट चुनाव से जुड़े संवैधानिक अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं कर सकती, अन्यथा संविधान के अनुच्छेद 329 का उल्लंघन होगा। 13 अगस्त- भाजपा ने भी दो वोटर लिस्ट में नाम होने का दावा किया था भाजपा की आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने भी 13 अगस्त को दावा किया था कि सोनिया गांधी का नाम भारत की वोटर लिस्ट में दो बार तब शामिल हुआ, जब वह भारतीय नागरिक भी नहीं थीं। मालवीय ने X पर लिखा, ‘यह पूरा मामला चुनावी कानून के स्पष्ट उल्लंघन का उदाहरण है। शायद यही कारण है कि राहुल गांधी भी ऐसे मतदाताओं को वैध करने के पक्ष में रहते हैं, जो अयोग्य या अवैध हैं और स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का विरोध करते हैं।’ भाजपा का सोनिया के दो वोटर लिस्ट में नाम होने का पूरा आरोप पढ़ें…. मालवीय ने यह सवाल भी उठाया था कि सोनिया गांधी ने राजीव गांधी से शादी के 15 साल बाद जाकर ही भारतीय नागरिकता क्यों ली। उन्होंने कहा कि एक ही व्यक्ति का नाम दो बार बिना नागरिकता के वोटर लिस्ट में आना चुनावी गड़बड़ी (Electoral Malpractice) का गंभीर मामला है।
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