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दलित नेता पर फर्जी मुकदमे का आरोप:सीओ-थानाध्यक्ष पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का शिकंजा, 15 दिन में मांगी रिपोर्ट

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने बस्ती में दलित नेता आरके आरतियन के खिलाफ कथित फर्जी मुकदमे के मामले में सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक बस्ती को नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आरके आरतियन भारत मुक्ति मोर्चा के जिलाध्यक्ष हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर सत्येंद्र भूषण त्रिपाठी और थानाध्यक्ष वाल्टरगंज उमाशंकर तिवारी ने साजिश रचकर उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराया है। यह मामला वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के ग्राम परसाजगगीर का है। आरतियन के अनुसार, 14 मार्च 2025 को अंबेडकर पार्क की सरकारी जमीन पर कुछ सवर्ण लोगों ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति के पास होलिका दहन किया था। विरोध के बावजूद मूर्ति के सामने राख और कूड़ा डाला गया, साथ ही मूर्ति पर कालिख भी पोती गई। दलित समाज के लोगों की शिकायत पर आरके आरतियन और उनके साथियों ने मौके का निरीक्षण किया और अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। हालांकि, उन्हें मदद के बजाय धमकी दी गई। इसके चार दिन बाद, 19 मार्च को एक वृद्ध महिला की तहरीर पर आरके आरतियन और ठाकुर प्रेम नंदवंशी के खिलाफ अपहरण, छेड़खानी और मारपीट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। आरतियन का कहना है कि यह उनके खिलाफ रची गई एक राजनीतिक साजिश है। आयोग ने 14 जुलाई को इस शिकायत पर संज्ञान लिया और 24 अक्टूबर को नोटिस जारी किया। इसमें जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से घटना का पूरा ब्योरा, मुकदमे की वर्तमान स्थिति और अन्य संबंधित जानकारी मांगी गई है।


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