पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने बिहार में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान को अमानवीय बताते हुए सरकार और प्रशासन पर हमला बोला है। सांसद ने कहा कि अगर सरकार दो महीने के भीतर प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की व्यवस्था नहीं करती, तो वे खुद 2-2 डिसमिल जमीन खरीदकर 500 बेघर परिवारों को बसाएंगे। अर्जुन भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि पूरे बिहार में छोटे व्यापारियों, दलितों, गरीबों, कमजोर तबकों और फुटपाथ पर जीवन गुजारने वाले परिवारों को बिना नोटिस और बिना पुनर्वास उजाड़ा जा रहा है। जबकि बड़े-बड़े भू-माफिया और प्रभावशाली लोग सुरक्षित हैं। लोकसभा में भी यह मुद्दा उठाया गया है और प्रशासनिक मनमानी पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं। नालंदा, बेगूसराय, पटना, पाटलिपुत्र, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा, पूर्णिया में गरीबों के घर और दुकानें उजाड़ दी गईं। लेकिन सरकारी जमीन पर बने महंगे कॉम्प्लेक्स, होटल और अस्पताल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। पूर्णिया शहर में वेडिंग जोन और फूड प्लाजा जैसी सुविधाएं वर्षों से तैयार हैं, लेकिन दुकानदारों को आवंटित नहीं की जा रहीं। वहीं, खुश्कीबाग और गुलाबबाग जैसे इलाकों में बिना नक्शा पास किए तीन-चार मंजिला इमारतें खड़ी हैं। मगर प्रशासन उन्हें छूता तक नहीं। सांसद ने अरोरा गुहा बस्ती का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां 150 दलित परिवार पीढ़ियों से रहते आए हैं। सड़क एमएलए फंड से बनी, बिजली का बिल नियमित भरा जाता रहा और कई घरों को इंदिरा आवास भी मिला। इसके बावजूद बिना कानूनी नोटिस दिए पूरी बस्ती उजाड़ दी गई। महिलाओं-बुजुर्गों पर लाठीचार्ज पप्पू यादव ने बेगूसराय की महादलित बस्ती पर कार्रवाई का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि 500 परिवारों को बेघर कर दिया गया और महिलाओं-बुजुर्गों पर लाठीचार्ज तक किया गया, जो मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन है। छह पुश्तों से रह रहे परिवारों को अचानक अवैध ठहराकर घर तोड़ दिए जा रहे हैं। बिना पुनर्वास के किसी गरीब, दलित, ठेला-पटरी वाले या छोटे दुकानदार को उजाड़ने की कार्रवाई तुरंत रोकी जाए। गांवों में कम से कम 5 डिसमिल जमीन और शहरों में दुकानें आवंटित किए बिना कार्रवाई करना पूरी तरह गैरकानूनी है।प्रशासन बुलडोजर सरकार की तरह बर्ताव कर रहा है, जो हिटलर व चंगेज खां से भी अधिक कठोर प्रतीत होता है। इस संबंध में पूर्णिया डीएम से भी बातचीत की है और स्पष्ट कहा है कि कानून से ऊपर कोई नहीं। सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे पप्पू यादव ने कहा कि यदि सरकार गरीबों के पुनर्वास की स्पष्ट नीति नहीं बनाती और प्रभावित लोगों को राहत नहीं मिलती, तो वे सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई ले जाएंगे। उन्होंने यह भी मांग की कि सभी जिलों में हुई कार्रवाई की जांच कराई जाए और बिहार के मंत्रियों, नेताओं, डॉक्टरों व पदाधिकारियों की संपत्तियों का सत्यापन किया जाए।
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