गोपालगंज के सदर प्रखंड के थाना रोड स्थित एक निजी मकान में सर्राफा मंडल के बैनर तले एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का नेतृत्व सर्राफा मंडल अध्यक्ष देव कुमार ने किया। बैठक में सदर विधायक सुबास सिंह के साथ-साथ सर्राफा मंडल के अन्य सदस्य भी शामिल हुए। इस दौरान थावे मंदिर में हुई हालिया चोरी की घटना पर गहन चर्चा की गई। दरअसल, जिले के प्रसिद्ध थावे शक्तिपीठ मंदिर में हुई चोरी की घटना ने न केवल भक्तों की आस्था को ठेस पहुँचाई है, बल्कि स्थानीय व्यापारियों और स्वर्ण व्यवसायियों में भी गहरी चिंता पैदा कर दी है। इस बड़ी सेंधमारी के बाद, गोपालगंज के स्वर्ण व्यवसायियों ने यह आपातकालीन बैठक बुलाई थी। पुलिस के लिए ‘आँख और कान’ का काम करेंगे बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि सभी स्वर्ण व्यवसायी अपनी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी निभाते हुए पुलिस के लिए ‘आँख और कान’ का काम करेंगे। उन्होंने संकल्प लिया कि यदि कोई भी अज्ञात या संदिग्ध व्यक्ति सोने-चाँदी के जेवर, पुराने आभूषण या मुकुट जैसी चीजें बेचने आता है, तो उसकी बारीकी से जांच की जाएगी। यदि किसी व्यक्ति के पास मौजूद सामान थावे मंदिर से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है, या उसके व्यवहार में घबराहट दिखाई देती है, तो बिना समय गंवाए इसकी सूचना तत्काल स्थानीय पुलिस प्रशासन को दी जाएगी। किसी भी कीमत पर चोरी का सामान नहीं खरीदेंगे व्यवसायियों ने स्पष्ट किया कि वे किसी भी कीमत पर चोरी का सामान नहीं खरीदेंगे और यदि कोई अपराधी पकड़ा जाता है, तो उसे कानून के हवाले करने में पूर्ण सहयोग करेंगे। सभी दुकानदारों को अपने संस्थानों के सीसीटीवी कैमरे दुरुस्त रखने और दुकान के बाहर की गतिविधियों पर भी नजर रखने का निर्देश दिया गया है।
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