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तीन सदस्यीय कमेटी की जांच में योजनाओं में गड़बड़ी मिली, मुखिया व आरोपी पर होगा केस

भास्कर न्यूज | खगड़िया सदर प्रखंड स्थित माड़र दक्षिण ग्राम पंचायत में सरकारी योजनाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितता और सरकारी राशि के गबन का मामला जांच में प्रमाणित होने के बाद प्रशासन ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। डीएम नवीन कुमार के निर्देश पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी राकेश रंजन ने बीडीओ को पत्र लिखकर सभी आरोपितों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए हैं। मामले में मुश्तरी बेगम, वर्तमान मुखिया माड़र दक्षिण, ललन कुमार, तत्कालीन पंचायत सचिव, कैलाश पासवान, तत्कालीन पंचायत सचिव तथा तत्कालीन तकनीकी सहायक शामिल हैं। डीपीआरओ के आदेश के अनुसार, बीडीओ सभी आरोपितों के खिलाफ सरकारी राशि के गबन, अनियमित व्यय, नियमों के उल्लंघन और भ्रष्टाचार से संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करेंगे। यह भी निर्देश दिया है कि गबन की गई राशि की वसूली के लिए सभी आरोपितों के विरुद्ध सर्टिफिकेट केस दायर किया जाए। डीएम के आदेश पर डीसीएलआर आलोक कुमार की अध्यक्षता में थ्री मैन कमेटी गठित की गई थी। इसमें जिला क्वालिटी मॉनिटर तथा चौथम प्रखंड के बीपीआरओ भी शामिल थे। टीम ने छह से अधिक योजनाओं की जांच की। सामुदायिक भवन पर 11 लाख खर्च, कई काम अधूरे वार्ड-1 में सामुदायिक भवन के जीर्णोद्धार और प्रांगण में फेवर ब्लॉक बिछाने के नाम पर लाखों रुपये खर्च दिखाए गए, लेकिन जांच में हकीकत कुछ और ही सामने आई। मापी पुस्तिका में 5 खिड़कियां और 6 दरवाजे दर्शाए गए थे, जबकि मौके पर सिर्फ 1 खिड़की और 3 दरवाजे मिले। भवन में पानी उपलब्ध कराने के नाम पर 34,514 खर्च दिखाया गया, लेकिन जांच के दौरान पानी की व्यवस्था नहीं पाई गई। ग्रिल की पेंटिंग पर 6,885 खर्च दिखाया गया, जबकि जांच में ग्रिल पर पेंट नहीं मिला। लगभग 11 लाख रुपये खर्च दिखाए गए, पर भवन का प्लास्टर, सीढ़ी और छज्जा क्षतिग्रस्त पाए गए। ^जांच रिपोर्ट में माड़र दक्षिण पंचायत की सरकारी योजनाओं में अनियमितता और राशि गबन की बातें स्पष्ट रूप से सामने आई हैं। रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी द्वारा दिए निर्देश के आलोक में संबंधित दोषियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने एवं गबन की गई राशि की वसूली के लिए सर्टिफिकेट केस दायर करने के लिए बीडीओ आदेश दिए गए हैं। राकेश रंजन, जिला पंचायती राज पदाधिकारी। जांच के दौरान यह गंभीर तथ्य सामने आया कि सभी योजनाओं में शादाब ट्रेडर्स नामक फर्म को आपूर्तिकर्ता बनाया गया था, जो वर्तमान मुखिया के पुत्र हैं। जांच टीम ने इसे विभागीय दिशा-निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन बताया है। इसके अलावा योजनाओं में मटेरियल और मजदूरी का 70:30 अनुपात भी लागू नहीं किया गया, जिससे योजनाओं के बजट में भारी हेराफेरी की गई। थ्री मैन कमेटी द्वारा जांच की गई योजनाओं में विभागीय नियमों की अनदेखी, राशि गबन और मनमाने तरीके से कार्य कराने के आरोप पूरी तरह साबित हुए हैं। थ्री मैन कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर डीएम नवीन कुमार ने सभी आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए थे। इधर जिला पंचायती राज पदाधिकारी राकेश रंजन ने बीडीओ को पत्र लिखकर सभी आरोपितों पर केस दर्ज करने को कहा है।


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