भास्कर न्यूज | तारडीह तारडीह प्रखंड को घनश्यामपुर से जोड़ने वाली सड़क का निर्माण वर्ष 2016 में शुरू हुआ था। लगभग 1.31 करोड़ रुपए की लागत से बन रही यह सड़क आवागमन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। लेकिन 9 साल बीतने के बाद भी सड़क निर्माण अधर में लटका हुआ है। सड़क अधूरी रहने से स्थानीय लोगों को आवागमन में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद विभाग और जनप्रतिनिधियों ने इस योजना पर ध्यान नहीं दिया। पूर्व विधायक मिश्री लाल यादव को समस्याओं से अवगत कराया था, लेकिन अब तक निर्माण कार्य आरंभ नहीं हो सका है। देखना है नई विधायक मैथिली ठाकुर क्या करती हैं। सड़क का बड़ा हिस्सा पानी में डूबा दिख रहा है। मार्ग पर घुटने तक पानी जमा है, जिससे राहगीरों और ग्रामीणों को खेतों के रास्ते से घूमकर जाना पड़ता है। कीचड़ और फिसलन के कारण पैदल चलना भी जोखिम भरा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कम बारिश में भी सड़क तालाब बन जाती है। सड़क को जगह-जगह झाड़ियों ने रास्ते को ढंक लिया है और सड़क सिर्फ एक संकीर्ण पगडंडी में बदल चुकी है। प्रशासन की उदासीनता का अंदाज़ इसी से लगाया जा सकता है कि सड़क पर न तो मिट्टी भराई की गई और न ही लेवलिंग का काम किया गया। ग्रामीण मुक्ति नारायण चौधरी, कौशल किशोर चौधरी, धनेश्वर चौधरी, अजय कुमार झा, बसंत सदाय की मांग है कि सरकार अविलंब इस सड़क का काम पूरा कराए ताकि रोजमर्रा का जीवन सुचारू हो सके। ग्रामीण कहते हैं कि पूर्व विधायक के द्वारा सड़क के नाम पर सिर्फ वादा मिला, सड़क आज भी नहीं मिली।
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