तत्कालीन डीआईजी शिवेंद्र प्रियदर्शी के उपर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपना शिकंजा कसा है। 1.52 करोड़ की इनकी संपत्ति को ED ने अटैच किया है। इसमें पटना के दो फ्लैट शामिल हैं। बुधवार को देर शाम जारी किए गए अपने आधिकारिक बयान में एजेंसी ने दावा है कि अटैच किए गए फ्लैट को उन्होंने सरकारी नौकरी में रहते हुए भ्रष्टाचार के तहत कमाए गए काले धन से खरीदा है। दो फ्लैट के अलावा बैंक अकाउंट्स, सोना-चांदी के गहने, फिक्स्ड डिपॉजिट, किसान विकास पत्र (KVP), राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) और म्यूचुअल फंड में किए गए इन्वेस्टमेंट के डॉक्यूमेंट्स भी जब्त किए गए हैं। पटना समेत 5 जगहों पर रही पोस्टिंग ED की जांच में सामने आया है कि 14 जून 1993 में शिवेंद्र प्रियदर्शी सरकारी नौकरी में आए। तब से लेकर 4 मई 2017 के बीच सासाराम, बेनीपुर, गोपालगंज, सीवान और पटना में उनकी पोस्टिंग रही। इसी दरम्यान उन्होंने अवैध तरीके से काला धन बड़े स्तर पर कमाया। अवैध कमाई का एक हिस्सा उन्होंने सीधे अपने परिवार के बैंक खातों में जमा किया। जबकि, काफी रुपयों को रिश्तेदारों के माध्यम से उपहार के रूप में दिखाकर वैध बनाने की भी कोशिश की। खुद के और परिवार के नाम पर इन्वेस्ट ED ने स्पष्ट किया है कि इस काले धन का उपयोग तत्कालीन जेल डीआईजी और उनके परिवार ने फ्लैट खरीदने, बैंक में जमा करने, FD, KVP, NSC व म्यूचुअल फंड इन्वेंस्टमेंट के लिए किया। अब तक कुल 1 करोड़ 52 लाख, 47 हजार, 491 रुपए इन्वेस्ट किए। जिसके सबूत मिले और उन्हें अब अटैच किया गया है। 2017 में SVU ने दर्ज की थी FIR दरअसल, शिवेंद्र प्रियदर्शी के खिलाफ स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU) ने प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत 4 मई 2017 को केस दर्ज किया था। फिर 12 जुलाई 2017 को इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। SVU की कार्रवाई के आधार पर ही ED की एंट्री हुई और फिर PMLA के तहत केस दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू की और अब उनकी संपत्तियों को अटैच किया।
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