मेरठ के सेंट्रल मार्केट में बना अवैध कांप्लेक्स सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ढहा दिया गया है। शनिवार, रविवार दो दिनों तक इस कांप्लेक्स को गिराने की प्रक्रिया चली। आवास विकास परिषद् की और से कांप्लेक्स गिरवाया गया। शनिवार शुरू हुई इस कार्रवाई में कांप्लेक्स का ध्वस्तीकरण खालसा कलेक्शन से शुरू हुआ था।सबसे पहले इसी दुकान पर बुलडोजर चला था, रविवार कोआखिरी में अलंकार साड़ी शोरूम गिराया गया। रविवार देर शाम 9 बजे तक भी बुलडोजर चलता रहा और दो मंजिला बिल्डिंग को धराशायी कर दिया गया। दो दिन पहले तक जहां एक दो मंजिला इमारत खड़ी थी। अब वहां केवल मलबे का ढेर है।
मलबा ज्यादा होने के कारण अभी कांप्लेक्स के ग्राउंड फ्लोर का कुछ हिस्सा ढहने से बच गया है। क्योंकि इसके ऊपर पूरा मलबा अा गया है। जब ये मलबा साफ होगा तब बची हुई दुकानों को भी ढहा दिया जाएगा। देर रात तक मलबा हटाकर साफ की सड़क
देर शाम आवास विकास की टीम ने सारे मलबे को जेसीबी मशीनों से इकट्ठा कराकर उसी जगह पर लगवा दिया। ताकि मलबा सड़क पर न फैला रहा। इस मलबे में लोहे की रॉड, दुकानों के शटर भी हैं। इसलिए किसी तरह की जनहानि न हो। सड़क खाली रहें। कोर्ट के आदेश का हुआ पालन
आवास विकास परिषद् के डिप्टी हाउसिंग कमिश्नर अनिल सिंह ने बताया कि हमारी जिम्मेदारी इमारत गिराने की थी। माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए इमारत को ढहाया गया है। सोमवार को एक्सईएन आफताब और हमारे लीगल एक्सपर्ट सुप्रीम कोर्ट में अपना जबाव दाखिल करेंगे। जिसमें हम डिमोलिश एक्शन की पूरी रिपोर्ट, वीडियो बतौर सुबूत जमा कराएंगे। अन्य 31 भूखंड़ों पर एक हफ्ते का समय
मौके पर जो हिस्सा गिरने से बचा है वो हिस्सा चूंकि मलबे में दबा है इसलिए मलबा हटते ही उसे भी तोड़ दिया जाएगा। मलबे पर भूस्वामियों का स्वामित्व है। उन्हें स्वयं इस मलबे को साफ करवाना होगा। मलबे को हटाने या साफ करने का जिम्मा आवास विकास का नहीं है। अन्य 31 भूखंडों में जो दुकानें बनी हैं उनके स्वामियों को हमने नोटिस दिया है, एक सप्ताह का समय दुकान खाली करने के लिए दिया है। इसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। लाखों रूपये का है मलबा दुकानदारों ने अपनी दुकानों के शटर, लोहा का फर्नीचर, सामान और सीढ़ियां तक नहीं निकाली थी। इसके अलावा लकड़ी का फर्नीचर, बोर्ड और काफी चीजें हैं जो दुकानों में थी। जो अब मलबे में बदल चुकी हैं। दो मंजिला इमारत का मलबा भी लाखों रूपये का है। वहीं भूस्वामियों को ये मलबा खुद साफ कराना है। ये भी कड़ी मशक्कत का काम है। दो दिन से बाजार ऑलरेडी बंद है अगर मलबा जल्दी साफ नहीं हुआ तो यहां धूल प्रदूषण होगा। वहीं कभी भी हादसा हो सकता है।
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