देश के प्रथम राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की 141वीं जयंती पर बुधवार को आरा में श्रद्धांजलि सभाओं का आयोजन किया गया। आरा सदर अस्पताल कैंपस में माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया। मौके पर पुलिस अधीक्षक राज, सिविल सर्जन डॉ. शिवेंद्र कुमार सिन्हा, डॉ केएन सिंह, संस्थापक राजेंद्र प्रसाद सहित कई अधिकारी और कर्मी मौजूद रहे। सभी ने दो मिनट का मौन रखकर राष्ट्रनिर्माण में उनके योगदान को याद किया। एसपी राज ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जीवन त्याग, सादगी, दृढ़ संकल्प और राष्ट्रीय एकता के प्रति समर्पण का प्रतीक रहा है। स्वतंत्रता संग्राम से लेकर भारतीय गणराज्य की नींव रखने तक उनका योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में डॉ. प्रसाद की ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा आज भी पीढ़ियों को प्रेरित करती है। भारत के संविधान के निर्माण काल में उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व क्षमता ने देश को मजबूत लोकतांत्रिक ढांचा प्रदान किया। ऐसे महान व्यक्तित्व को याद करना हर भारतीय का कर्तव्य डॉक्टर के एन सिंह ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद न सिर्फ एक महान नेता थे, बल्कि शिक्षा, ग्रामीण विकास और सामाजिक सुधार के भी समर्थक थे। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन हर वर्ष उनकी जयंती पर इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करता है ताकि नई पीढ़ी को उनके आदर्शों से रूबरू कराया जा सके। कार्यक्रम में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों ने डॉ. प्रसाद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया। मौके पर उपस्थित लोगों ने कहा कि देश को नए आयाम देने वाले ऐसे महान व्यक्तित्व को याद करना हर भारतीय का कर्तव्य है। उनके जीवन मूल्य आज भी समाज को सही दिशा दिखाते हैं।
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