निर्यात, विदेशी निवेश, एनआरआई की रेमिटेंस वगैरह के जरिये अगर भारत में ज्यादा डॉलर आते हैं तो रुपया मजबूत होता है. इसकी उलट स्थिति यानी ज्यादा आयात, विदेशी निवेशकों का भारतीय कंपनियों से निवेश वापस खींचने जैसी स्थितियों में रुपया कमजोर होता है.
https://ift.tt/rwDPjuc
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply