पहले हाजरी बनाने फिर काम शुरू कराने की मांग को लेकर डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के पशु उत्पादन रिसर्च संस्थान के मजदूरों ने सोमवार को कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इस दौरान लोगों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाया। मजदूरों की मांग है कि पीड़ित मौसमी श्रमिक मजदूर राजू राम को उचित उपचार, कम से कम 50 हजार रुपया मुआवजा एवं डॉक्टर के सलाह के उपरांत आराम के दौरान उपस्थिति पंजी पर उपस्थिति दर्ज करने को लेकर विभागीय लिखित पत्र जारी किया जाए। प्रतिदिन सुबह 6:30 बजे प्रार्थना के उपरांत उपस्थिति पंजी पर उपस्थित सभी श्रमिकों मजदूरों को दर्ज किया जाए। उसके बाद ही कार्य पर लगाया जाए, पशु उत्पादन शोध संस्थान एवं विश्वविद्यालय कई पदाधिकारी द्वारा मजदूरों से मनमानी व अफसरशाही पर रोक लगाया जाए, लंबे समय से विश्वविद्यालय में कार्यरत श्रमिक मजदूरों को प्रति महीना में 18 दिन के बदले 26 दिन काम लेने की मांग की। मजदूर बोले- पहले काम लिया जाता है, फिर अटेंडेंस लगाया जाता है मौके पर मजदूरों ने कहा कि विभाग मजदूर से पहले काम संपन्न कराती है और फिर अंत में हाजरी बनवाती है। कोई हादसा होने पर विभाग मजदूरों को कार्यस्थल पर नहीं होने की बात बताकर पल्ला झाड़ लेती है। आखिर मजदूरों के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों। उन्होंने मांग की है कि मजदूर के आते ही पहले हाजरी बनाई जाए फिर कार्य शुरू कराई जाए। प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए भाकपा माले प्रखंड सचिव अमित कुमार ने कहां की मजदूरों का मांग जायज है और उनके मांगे का भाकपा-माले पार्टी समर्थन करता है। वहीं भाकपा-माले जिला कमिटी सदस्य रौशन कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय में अवसरसाही चरम सीमा पर है, मजदूरों के साथ लगातार शोषण किया जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन मजदूरों का मांग को अभिलंब विचार करें, अन्यथा भाकपा-माले आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा। मौके पर भाकपा-माले जिला कमिटी सदस्य रौशन कुमार, रंजीत कुमार, संजीत कुमार, प्रेम कुमार, भागवत कुमार, पवन कुमार समेत सैकड़ो के संख्या में मजदूर उपस्थित थे।
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