गया जिले के फतेहपुर प्रखंड स्थित डुमरी चट्टी में दो दिवसीय रामाश्रम सत्संग का आयोजन किया गया। यह आयोजन शनिवार देर शाम शुरू हुआ और रविवार दोपहर को संपन्न हुआ। इसमें बिहार सहित अन्य राज्यों के अनुयायी शामिल हुए। सत्संग के दौरान दिल्ली से आए चम्मन भैया और गया के मुकुल भैया ने श्रद्धालुओं को शांति और भाईचारे का महत्व समझाया। उन्होंने कहा कि लोग धन कमाने में इतने व्यस्त हो गए हैं कि वे अपने परिवार का ठीक से ध्यान नहीं रख पाते। कथावाचक ने आत्म-सम्मान और प्रकृति के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि धन के पीछे भागने से लोग सुबह की सुखद बेला का आनंद नहीं ले पाते, जबकि सुबह की प्रार्थना और आराधना आवश्यक है। उन्होंने यह भी बताया कि जिस प्रकार ईश्वर बिना भेदभाव के प्रकाश देते हैं, उसी प्रकार हमें भी बिना किसी लाभ-हानि के लोगों की भलाई के लिए तत्पर रहना चाहिए। बिना भेदभाव की गई सेवा ही सबसे बड़ा पुण्य है। कथावाचक ने आगे कहा कि परमात्मा ने हमें प्रेम करने के लिए बनाया है, लेकिन धन के मायाजाल में फंसकर हम स्वयं से भी प्रेम नहीं कर पा रहे हैं। सच्चा प्रेम गुरु और निस्वार्थ मित्र के पास ही मिलता है। सत्संग में शामिल होने से मन में शांति आती है और एक-दूसरे के प्रति अपनापन और प्रेम बढ़ता है। इस सत्संग का आयोजन सुरेश केशरी, रामजी केशरी, अर्जुन साव, राजेंद्र केशरी और महावीर प्रसाद सहित अन्य लोगों की तरफ से किया गया था।
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