बक्सर के डुमरांव में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की कथित समाप्ति और मजदूर-विरोधी नीतियों के विरोध में अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) ने एक विरोध मार्च और सभा का आयोजन किया। मजदूर, किसान और जनसंगठनों ने किया प्रोटेस्ट यह कार्यक्रम देशव्यापी आंदोलन का हिस्सा था, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण मजदूर, किसान और जनसंगठनों के कार्यकर्ता शामिल हुए। प्रदर्शनकारी जुलूस डुमरांव बाजार स्थित शहीद पार्क से शुरू होकर विभिन्न मार्गों से होते हुए नया थाना परिसर पहुंचा, जहां एक सभा आयोजित की गई। जुलूस का नेतृत्व भाकपा-माले के जिला सचिव नवीन कुमार, खेग्रामस जिला सचिव नारायण दास, जिला अध्यक्ष कन्हैया पासवान, डुमरांव माले सचिव धर्मेंद्र सिंह, ऐपवा नेत्री रेखा देवी और पूजा यादव ने संयुक्त रूप से किया। एनडीए सरकार मनरेगा समाप्त करने की रच रही साजिश सभा को संबोधित करते हुए आरवाईए के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष और डुमरांव के पूर्व विधायक कॉमरेड अजीत कुशवाहा ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि एनडीए की मोदी सरकार मनरेगा जैसी रोजगार गारंटी योजना को समाप्त करने की साजिश रच रही है। VB-GRAMG या ‘ग्रामजी योजना’ लाकर मनरेगा को खत्म किया उनके अनुसार, कम मजदूरी, भुगतान में देरी, जॉब कार्ड रद्द करना और काम देने में टालमटोल कर मनरेगा को जानबूझकर कमजोर किया गया है।कॉमरेड अजीत कुशवाहा ने आगे कहा कि कथित VB-GRAMG या ‘ग्रामजी योजना’ लाकर मनरेगा को खत्म कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि यह नई योजना रोजगार की किसी कानूनी गारंटी से मुक्त है और इसके खर्च का 40 प्रतिशत बोझ राज्यों पर डाला गया है। इसमें 125 दिन काम देने की बात कही जा रही है, लेकिन इसके लिए कोई बाध्यकारी प्रावधान नहीं है। 12 करोड़ मनरेगा मजदूरों व विशेषकर दलितों पर सीधा हमला उन्होंने इसे देश के लगभग 12 करोड़ मनरेगा मजदूरों, विशेषकर दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और वंचित तबकों पर सीधा हमला बताया।वक्ताओं ने 600 रुपये प्रतिदिन न्यूनतम मजदूरी की मांग को खारिज किए जाने पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने दशकों के संघर्ष से बने 44 श्रम कानूनों को खत्म कर चार श्रम संहिताओं में समेटने को मजदूरों के अधिकारों पर हमला करार दिया। नेताओं ने कहा कि ये श्रम संहिताएं कॉर्पोरेट हितों की रक्षा करती हैं और श्रमिकों को अपने अधिकारों की मांग करने से रोकती हैं। सभा की अध्यक्षता खेग्रामस जिला सचिव कॉमरेड नारायण दास ने की। कार्यक्रम में माले नेता ललन प्रसाद, शिक्षक नेता अभय पांडेय, डुमरांव टाउन सचिव कृष्णा राम, भगवान दास, शंकर तिवारी, संजय शर्मा, युवा नेता शैलेन्द्र पासवान, नासिर हसन, सुरेश राम, प्रभात, अरविंद, जाबिर कुरैशी सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभा में मनरेगा को पूर्ण कानूनी गारंटी के साथ बहाल करने, 600 रुपये दैनिक मजदूरी लागू करने, VB-GRAMG योजना वापस लेने और श्रम संहिताएं रद्द कर पुराने श्रम कानून बहाल करने की मांग की गई। वक्ताओं ने कहा कि देश का मजदूर अपने हक, सम्मान और आजीविका की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखेगा।
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