ठंड का शहर लगातार बढ़ते जा रहा है। बेगूसराय में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है तो वही अधिकतम तापमान भी नीचे गिरकर 15 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है। ऐसे में लोग हर घर, चौक-चौराहा पर अलाव जलाकर ठंड को भगा रहे हैं। ऐसे में लोग रात में कमरे में अलाव जलाकर सो रहे हैं, जिससे लगातार घटना हो रही है। ऐसे में डॉक्टर राहुल कुमार का कहना है कि अभी हाल में ही दो मरीज को सुबह 5 बजे उठा के उनके परिजन लाए। बताया गया कि ये दोनों रात में बिल्कुल ठीक थे, ठंड के कारण बंद कमरे में अंगीठी जला के सो गए थे। सुबह दोनों बेहोश पाए गए , SPO2 मशीन से चेक करने पर ऑक्सीजन नार्मल लेवल पर आ रहा था। कोई लकवा या चीनी कम होने के लक्षण नहीं थे। क्लीनिकली कार्बन मोनोआक्साइड पॉइजनिंग डायग्नोसिस किया गया। जिसके बाद दोनों ठीक हो गए। ऐसा होने कि कारण था ठंड में अंगीठी जला कर बंद कमरे में सोना बहुत ख़तरनाक हो सकता है। अंगीठी जलने पर जहरीली कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस निकलती है अंगीठी जलने पर कार्बन मोनो-ऑक्साइड गैस निकलती है, जो बिना रंग, गंध और स्वाद की होती है। सोते समय पता ही नहीं चलता है। खून में ऑक्सीजन की जगह ले लेती है। इससे धीरे-धीरे दम घुटता है और व्यक्ति को पता भी नहीं चलता। शुरुआती लक्षण में सिरदर्द, चक्कर उल्टी, थकान, नींद ज्यादा आना, गंभीर स्थिति में बेहोशी, सांस रुकना, दिल पर असर, अचानक मौत (सोते-सोते) होते हैं। अंगीठी कमरे की ऑक्सीजन खा जाती है, CO₂ और CO बढ़ जाती है। दिमाग और दिल को ऑक्सीजन कम मिलती है। फेफड़ों और दिल के मरीजों के लिए यह ज्यादा खतरा है। खासकर अस्थमा, COPD, हार्ट डिजीज, बुजुर्ग या छोटे बच्चे को इनमें खतरा कई गुना बढ़ जाता है।धुआं नहीं दिख रहा तो भी सुरक्षित नहीं है। ठंड में सबसे सुरक्षित विकल्प है कि रजाई, कंबल, गरम कपड़े, हॉट वाटर बैग, रूम हीटर (वेंटिलेशन वाले कमरे में), इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट का उपयोग करें। अगर किसी के साथ ऐसा हो जाए तो व्यक्ति को खुले हवा वाले स्थान पर ले जाएं, अंगीठी बुझाएं और एंबुलेंस बुलाकर नजदीकी अस्पताल पहुंचा दें। अब जानिए ठंड में बंद कमरे में अंगीठी जलाने से कैसे होती है मौत हर साल ठंड में इस तरह की घटनाएं देशभर से आती है। ठंड के मौसम में अंगीठी, सिगड़ी या हीटर जलाना कॉमन है। इससे गर्माहट जरूर रहती है, लेकिन जरा सी लापरवाही जान को जोखिम में डाल सकती है। इससे दम घुट सकता है। जानिए किस तरह कि लापरवाही अंगीठी जलाने को जानलेवा बना सकती है। सवाल: अंगीठी की वजह से क्या-क्या परेशानी हो सकती हैं? जवाब: इससे ये 6 परेशानी हो सकती हैं- सवाल: हीटर, ब्लोअर या अंगीठी में कौन सबसे कम नुकसानदेह है? जवाब: यह सवाल अक्सर ठंड से पहले आकर लोग पूछते हैं। हकीकत में ये बात मायने नहीं रखती कि कौन-सा साधन कम नुकसानदेह और कौन सा ज्यादा। समझना यह है कि जिस जगह आप इन चीजों को यूज कर रहे हैं वहां वेंटिलेशन की सुविधा जरूर हो। ऐसा नहीं है तो तीनों से खतरा है। सवाल: अंगीठी का धुआं आंखों को किस तरह नुकसान पहुंचाता है? जवाब: आंखों के स्वस्थ रहने के लिए उनका गीला रहना बहुत जरूरी होता है, लेकिन अंगीठी की वजह से हवा में मौजूद नमी सूख जाती है, जिसकी वजह से आंखें भी सूखने लगती हैं। ऐसे में आंखों में संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। इसके अंगीठी कॉन्टैक्ट लेंस या चश्मा पहनने वालों की आंखों को भी इससे एलर्जी और दूसरी समस्या हो सकती है। सवाल: अगर अंगीठी के धुएं की वजह से शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई बंद हो जाए तब क्या होता है? जवाब: ऑक्सीजन की सप्लाई बंद होने के बाद व्यक्ति को एस्फिक्सिया होता है। एस्फिक्सिया दिल, दिमाग और दूसरे हिस्सों में ऑक्सीजन की सप्लाई को कम कर देता है। जब दिल को कम खून सप्लाई होता है तब दूसरे टिशू सही मात्रा में ब्लड पंप करने में असमर्थ होते हैं। इस वजह से कार्डियक अरेस्ट होता है। इस स्थिति में पेशेंट को बिना देर किए ट्रीटमेंट देना चाहिए।
https://ift.tt/zy7ZcTn
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply