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ट्रेन के AC फर्स्ट क्लास कोच में शराब की डील:तस्कर तस्कर बोला- रेलवे सबसे सेफ; न्यू ईयर पर 10 हजार लीटर शराब का सौदा

‘मेरा नाम गोलू है। शराब का हर कारोबारी मेरी ताकत जानता है। यूपी से लेकर बिहार तक की पुलिस सेट है। मेरा नाम बताकर किसी भी ट्रेन की AC फर्स्ट क्लास कोच में शराब रख दीजिए। यूपी से लेकर बिहार तक कोई रोकने वाला नहीं है। ट्रेन से आपका माल आपके ठिकाने तक पहुंच जाएगा। बिहार में जितनी भी शराब आती है, वह गोलू के आदमी लाते हैं। विश्वास नहीं हो तो मेरा नाम लेकर किसी भी जिले में चेक कर लीजिए..।’ यह दावा खुद को बिहार का सबसे बड़ा तस्कर बताने वाले गोलू का है। 15 दिनों तक पीछा करने के बाद भास्कर की इन्वेस्टिगेशन टीम ने उसे खुफिया कैमरे में कैद किया। एजेंट बनकर पहुंचे रिपोर्टर से गोलू ने कई बड़े खुलासे किए। न्यू ईयर पर डर्टी सेलिब्रेशन पार्ट- 3 में देखिए बिहार में ट्रेन की फर्स्ट क्लास AC कोच से कैसे आ रही शराब की खेप…। नए साल पर शराब की डिमांड से तस्कर एक्टिव बिहार में शराबबंदी के बाद न्यू ईयर की डर्टी पार्टी तस्करों के भरोसे होती है। इस बार भी डिमांड को लेकर तस्कर एक्टिव हो गए हैं। भास्कर की इन्वेस्टिगेशन टीम को इनपुट मिला कि सड़क से लेकर ट्रेन और नदी के रास्ते बिहार में शराब आ रही है। यूपी की फुटकर दुकानों से थोक में शराब बेची जा रही है। तस्करों की पुलिस से सेटिंग और पूरी सप्लाई चेन को एक्सपोज करने के लिए भास्कर की इन्वेस्टिगेशन टीम 15 दिनों तक बिहार यूपी बॉर्डर पर तस्करों का नेटवर्क खंगालने में लग गई। भास्कर इन्वेस्टिगेशन टीम को शराब तस्करों से गोलू का इनपुट मिला। 15 दिनों तक पीछा करने के बाद गोलू मिलने को तैयार हुआ। 3 बार की मुलाकात में गोलू का विश्वास जमा। इसके बाद गोलू ने एक एक बिहार में शराब तस्करी के नेटवर्क का कई बड़ा खुलासा किया। रिपोर्टर – न्यू ईयर पार्टी के लिए भारी मात्रा में शराब चाहिए? गोलू – आपको मेरे बारे में किसने बताया? आप पुलिस के आदमी तो नहीं? रिपोर्टर – नहीं भाई, इतनी बड़ी खेप के लिए हर कोई आपका नाम ले रहा था। गोलू – किस किस से आपकी बातचीत हुई है। रिपोर्टर – मुजफ्फरपुर से लेकर यूपी तक 12 से अधिक लोग से बात हुई। गोलू – हो जाएगा, आपको माल नदी सड़क और ट्रेन के रास्ते मिल जाएगा। रिपोर्टर – ट्रेन और नदी दोनों सेफ रहेगा, सड़क पर तो चेकिंग होती है। गोलू – आपको माल मिल जाएगा, कहीं से कोई दिक्कत नहीं होगी। रिपोर्टर – नदी वाला कैसे होता है? गोलू – हो जाएगा, इसमें थोड़ा रिस्क है। पुलिस का कोई रिस्क नहीं, बस नाव डूब जाती है नाव से शराब की डिलिवरी को लेकर तस्कर गोलू ने बताया कि पुलिस से तो कोई डर ही नहीं है। यूपी से लेकर बिहार तक की पुलिस को पूरा सेट करके रखा जाता है। बस नाव डूबने का डर रहता है। माल अधिक लोड होने से नाव डूबती है तो समस्या हो जाती है। रिपोर्टर – नाव से क्या रिस्क? गोलू – पुलिस का डर नहीं है, कभी-कभी नाव डूबने का डर रहता है। रिपोर्टर – अच्छा, मुझे लगा पुलिस का डर है। गोलू – नहीं भाई, पुलिस वाले हमारा माल नहीं रोकते हैं, सब सेटिंग होती है। रिपोर्टर – नाव वाले आदमी तो सेट होते हैं ना? गोलू – 12 से 15 पेटी तक आ जाती है। बस आदमी कभी कभी धोखा कर देता है। रिपोर्टर – आपके साथ भी धोखा कर देता है। गोलू – हम रहें तो हिम्मत नहीं है, लेकिन आप नए हैं आपसे कर सकता है। रिपोर्टर – आप रेट लिस्ट दे दीजिए, फिर ऑर्डर कर देते हैं। गोलू – पहले आप हमारा देख लीजिए, फिर अपना दिखाइए। रिपोर्टर – नहीं…नहीं, अब विश्वास है, काम आगे भी करना है। गोलू – धंधे में विश्वास नहीं, ऐसा ना हो बाद में दोनों धोखा खा जाएं। रिपोर्टर – ठीक है, आपकी हर शर्त मंजूर है, आप तो शराब दिला दीजिए। मेरा पावर देखिए, यहां बीच चौराहे पर शराब बिक रही गोलू ने अपनी ताकत और पहुंच दिखाने के लिए रिपोर्टर को अपना पूरा कारोबार दिखाया। गोलू ने बिहार का एरिया दिखाते हुए बोला यहां से लेकर वहां तक होटल, गाड़ी, दुकान सब हमारी है। यहां दो नंबर चलता है, उधर सब एक नंबर होता है। रिपोर्टर – आपकी तो तगड़ी वाली सेटिंग रहती होगी। गोलू – बीच चौराहे पर शराब बिक रही है, समझ ही सकते हैं कितनी पावर है। रिपोर्टर – यह तो देखने से ही लग गया है। गोलू – बिना मेरी मर्जी के यहां कुछ भी नहीं होता, गुवाहाटी रुट तक मेरी मर्जी चलती है। रिपोर्टर – अच्छा, ट्रेन में आपकी तगड़ी सेटिंग है। गोलू – बिहार के हर जिले में हमारा आदमी है, दिल्ली से लेकर मुजफ्फरपुर तक कोई दिक्कत नहीं। रिपोर्टर – हां, बात करने पर हर जगह आपका नाम आया। गोलू – आप जिस जिले में चाहिए, वहां आदमी खुद आपसे मिलेगा। रिपोर्टर – मतलब मेरा काम हो जाएगा? गोलू – जुबान दे दिए हैं, आप बेफिक्र रहिए। गोलू से डील में खुलासा हुआ कि यूपी में शराब की फुटकर दुकानों पर बिहार में शराब तस्करी के लिए होलसेल में शराब मिलती है। इसकी इन्वेस्टिगेशन के लिए हम यूपी के कुशीनगर जिले के खड्‌डा पहुंचे। खड्डा शहर में हमारी मुलाकात रंजीत से हुई। रंजीत यूपी सरकार से रजिस्टर्ड फुटकर शराब का डीलर है। रंजीत की भी सेटिंग काफी तगड़ी है, वह फुटकर शॉप से होलसेल में तस्करों को शराब बेच रहा है। रिपोर्टर – हमें शराब चाहिए, अधिक संख्या में पेटी चाहिए। रंजीत – जितनी चाहिएगा, मिल जाएगा। रिपोर्टर – कितनी छूट दीजिएगा? रंजीत – एक-दो पेटी लेने पर कोई छूट नहीं, जो रोज ले जाता है हम उसी को छूट देते हैं। रिपोर्टर – हमें रोज ले जाना है, 50 से 100 पेटी हर दिन रोज चाहिए। रंजीत – रोज ले जाइएगा तो 100 रुपए प्रति पेटी की छूट दे देंगे। रिपोर्टर – कोई ले जाने वाला मिल जाएगा या नहीं? रंजीत – पहुंचाने वाले काम नहीं करते हैं, पहली बार आप ले जा रहे, पहचानता नहीं। रिपोर्टर – तब कैसे शराब बिहार जाएगी। रंजीत – ले जाइए कोई शक नहीं करेगा, काउंटर पर जितना चाहिए, मिल जाएगा। रिपोर्टर – कोई कांटेक्ट नहीं है क्या, कोई बाहरी आदमी? रंजीत – यहां मालिक बाहर रहते हैं, थाना 50 हजार महीना मांगता है, ऐसे में कैसे करेंगे। यूपी के दुकानदार सेटिंग वाले से करते हैं धंधा रंजीत से बातचीत में यह बात साफ हो गई कि यूपी में शराब के दुकानदार सेटिंग वालों से ही धंधा करते हैं। वह काफी देर तक रिपोर्टर की पड़ताल करता रहा। घंटों इधर उधर की बात करने के बाद रंजीत ने बताया कि उसकी कोई सेटिंग नहीं है। रिपोर्टर उसकी चालाकी समझ गया और जब भारी मात्रा में शराब की खेप उठाने की बात किया तो वह तैयार हो गया। रंजीत ने बताया कि यहां से दो रास्ते सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं, सड़क या ट्रेन। रंजीत पनियहवा बॉर्डर का रास्ता सुझाया जहां से बिहार में शराब की खेप आसानी से जाती है। रिपोर्टर – आप समझ नहीं पा रहे हैं, हमे बड़े पैमाने पर शराब चाहिए। रंजीत – अच्छा, ठीक है, ज्यादा माल ले जाना है तो रोड से सेटिंग करके ले जाइए। रिपोर्टर – वही सेटिंग नहीं मिल रहा है, आप ही बता दीजिए कहां से होगा। रंजीत – बगल में बैठे हैं, उनसे बात कर लीजिए। रिपोर्टर – क्या नाम है उनका? रंजीत – विजय हैं, आपकी पूरी सेटिंग हो जाएगी। रंजीत और विजय दोनों मिलकर बिहार में शराब भेजने का काम करते हैं। बातचीत में रंजीत ने विजय के बारे में बता दिया था। विजय ने जब रिपोर्टर से डील शुरू की तो शराब तस्करी का पूरा नेटवर्क समझा दिया। विजय हमें एक दुकान के अंदर ले गया, जहां कुछ देर पूरी बातचीत की। रिपोर्टर – हम लोग शराब का कारोबार करते हैं, लेकिन 31 तारीख के लिए ज्यादा माल चाहिए। विजय – कौन सा ब्रांड चाहिए आपको? रिपोर्टर – ब्लेंडर्स प्राइड 40 पेटी चाहिए आज ले जाएंगे। विजय – यहां से 40 पेटी नहीं हो पाएगा, पड़रौना की दुकान से करवा दूंगा। रिपोर्टर – माल बिहार कैसे पहुंचेगा? विजय – आप अपना सेटिंग देख लीजिए। रिपोर्टर – आप बताइए कैसे किया जाए? विजय – ट्रेन सबसे सेफ है, जीआरपी को सेट कर लीजिए, आसानी से सेटिंग हो जाएगी। रिपोर्टर – आप सेटिंग करा दीजिए, हमको पता नहीं है? विजय – सीवान से कहिए तो वहां से सेटिंग करा दूंगा। रिपोर्टर – कहीं से कराइए, हमें तो बिहार तक पहुंचा दीजिए। विजय – फाजिलनगर में भी अपनी दुकान है, वहां से पूरी सेटिंग करा दूंगा। विजय से बातचीत के दौरान पनियहवा के सुजीत का इनपुट मिला। पूरी जानकारी इकट्‌ठाकर हम यूपी के कुशीनगर जनपद के पनियहवा में एक शराब दुकान पहुंचे। वहीं हमारी मुलाकात सुजीत से हुई। सुजीत ने पुलिस की सेटिंग से लेकर पूरे नेटवर्क का खुलासा किया। रिपोर्टर – पेटी में कौन-सा ब्रांड मिल जाएगा? सुजीत – बोतल में चाहिए? रिपोर्टर – जिसमें मिल जाए, बोतल ज्यादा अच्छा रहेगा। सुजीत – आरएस मिल जाएगा, और भी ब्रांड मिल जाएगा। रिपोर्टर – कुछ डिस्काउंट मिलेगा या रेट रिटेल वाला ही रहेगा? सुजीत – डिस्काउंट कुछ नहीं होता, पहली बार आप आए हैं। रिपोर्टर – आप धंधा साथ कीजिए, हम तो हर दिन ले जाएंगे। सुजीत – जब लगातार आइएगा, तब डिस्काउंट की भी बात हो जाएगी। रिपोर्टर – लगभग कितना तक हो जाएगा? सुजीत – लगातार माल ले जाइएगा तो 100 से 150 रुपए तक छूट हो जाएगी। रिपोर्टर – और जगह तो डिस्काउंट मिल जाता है। सुजीत – देखिए, डिस्काउंट वहीं मिलता है जहां दो नंबर की व्यवस्था हो, हमारी बात तो रिकॉर्ड होती है। रिपोर्टर – ओरिजिनल माल होगा ना? सुजीत – आप शराब लीजिए, आबकारी का नंबर ले लीजिए, माल की जांच करा लीजिए। रिपोर्टर – बिहार बॉर्डर तक पहुंचाने वाला कोई मिल जाएगा? सुजीत – हां, गंडक पार के लिए मिल जाएगा, उसका खर्चा लेगा, पार हो जाएगा। सुजीत ने गोलू को कॉल किया, बोला माल पार कराना है डील के दौरान रंजीत ने गोलू को कॉल किया और बोला पार्टी आई है माल बिहार में इंटर कराना है। मोटा सामान है, व्यवस्था करा दो। सुजीत ने दावा किया कि गोलू बिहार का मास्टर है, वह चाह लेगा तो जहां चाहिएगा माल आपको डिलिवर हो जाएगा। मोबाइल पर बातचीत के बाद सुजीत ने उसे अपनी दुकान पर बुला लिया। रिपोर्टर – हमको बिहार में माल ले जाने वाला सेटिंग बताइए? सुजीत – एक मिनट रुकिए (फोन पर बात करते हुए) कहां हो गोलू? थोड़ा सा दुकान पर आना। रिपोर्टर – हमसे डायरेक्ट बात करा दीजिए, ताकि सब कुछ समझकर आदमी काम शुरू कर दे। सुजीत – ठीक है, आधे घंटे में वह बाहर से आएगा, आप उससे मिल लीजिएगा या नंबर ले लीजिए। इसी पर बात कर लीजिए, बात कर वहीं साइड में बुला लीजिएगा। रिपोर्टर – ठीक है। सुजीत ने कहा यूपी के थाना चौकी सेट हैं सुजीत ने बताया कि यहां की चौकी और थाना को डील किया गया है। गोलू भी चुरा कर नहीं ले जाएगा। देखिए, जहां पर दो रुपए लगते हैं, वहां आप हिम्मत से लेकर जा सकते हैं। 10 रुपए के चलते 50 रुपए का नुकसान सहने से कोई फायदा नहीं है। सुजीत के कहने का मतलब था कि पुलिस की सेटिंग है आप पैसा देकर शराब लेकर जाइए कोई खतरा नहीं होगा। पुलिस को बिना बताए ले जाएंगे तो पैसा बचाने के चक्कर में पूरा माल पकड़ा जाएगा। गोलू बोला – शराब के लिए ट्रेन सबसे सेफ भास्कर की इन्वेस्टिगेशन टीम का एक रिपोर्टर गोलू का पीछा कर पहले से ही उससे डील कर चुका था। इसलिए जब रंजीत ने गोलू से मिलवाने की बात की तो टीम के दूसरे रिपोर्टर ने पूरी सेटिंग की जिससे गोलू पहचान नहीं सके। सुजीत ने गोलू से बातचीत करा कराई। गोलू ने बताया कि शराब के लिए सबसे सेफ ट्रेन है। वह ट्रेन की AC बोगी से ही शराब की खेप बिहार भेजता है। गोलू ने दावा किया कि बिहार के सभी एरिया में शराब की खेप वह ट्रेन से ही भेजता है। गोलू से बातचीत में यह साफ हो गया था कि बिहार में शराब की खेप सबसे अधिक वीआईपी ट्रेनों से जा रही है। इसकी पड़ताल के लिए हमने ट्रेनों के अटेंडेंट को ट्रेस करना शुरू किया। काफी छानबीन के बाद सत्याग्रह ट्रेन का क्लू मिला। सत्याग्रह एक्सप्रेस में कई अटेंडेंट्स को घेरने के बाद भी सेटिंग नहीं जमी। वह अपचित समझकर कोई बात नहीं करना चाहते थे। इस दौरान हमें सत्याग्रह के फर्स्ट क्लास AC के कोच अटेंडेंट अनिकेत का इनपुट मिला। कई दिनों तक चली लंबी बातचीत के बाद अनिकेत शराब की खेप पहुंचाने के लिए तैयार हो गया। रिपोर्टर – कुछ ट्रेनों में शराब मुजफ्फरपुर तक चली जाती है? अनिकेत – हां, चली जाती है, मुझे भी जानकारी है। रिपोर्टर – यहां कुछ सामान पनियहवा तक रख दें तो चला आएगा? अनिकेत – (सर हिलाकर) हां, हो जाएगा। रिपोर्टर – कौन सेट करेगा? अनिकेत – क्या? रिपोर्टर – कितना कार्टून तक आ जाएगा? अनिकेत – जितना कहिए आ जाएगा, लेकिन 8 से 10 कार्टून आ सकता है। रिपोर्टर – खर्चा कितना लगेगा? अनिकेत – जितना बड़ा ब्रांड, उतना ही पैसा लगेगा। रिपोर्टर – बताओगे, उसी हिसाब से काम किया जाएगा, सेटिंग कौन करेगा पूरा? अनिकेत – किसका? रिपोर्टर – सामान का। अनिकेत – मैं करूंगा, और कौन करेगा। रिपोर्टर – मैं पनियहवा कार्टून ला दूं तो आ जाएगा ना? अनिकेत – हां, हो जाएगा। गोलू का नाम आते ही अनिकेत ने कर पूरी डील अनिकेत से बातचीत के दौरान रिपोर्टर ने जैसे ही गोलू का नाम लिया, वह समझ गया कि पूरा चैनल कहां से काम कर रहा है। गोलू के नाम पर अनिकेत ने ट्रेन की पूरी सेटिंग की, इससे साफ हो गया कि गोलू का दावा सही था। वह ट्रेन से ही शराब की खेप यूपी से बिहार भेजता है। रिपोर्टर – पनियहवा गोलू को जानते हैं? अनिकेत – हां-हां, जानता हूं, अब बताइए क्या सामान है। रिपोर्टर – वही शराब ही है। अनिकेत – इसके लिए तो मैनेजर से बात करनी होगी। रिपोर्टर – आप बात कर लीजिए, जो भी पैसा होगा दे दिया जाएगा। अनिकेत – आपका घर कहां है? रिपोर्टर – बेतिया। अनिकेत – यह ट्रेन कल जाएगी और परसों वापस आएगी, यानी 25 को खुलेगी और 26 को पनियहवा पहुंचेगी। आप 26 को मिल लीजिएगा। रिपोर्टर – आप किस बोगी में रहते हैं? अनिकेत – फर्स्ट एसी कोच में मिल जाएंगे। रिपोर्टर – और किसी से बात करनी होगा क्या? अनिकेत – नहीं, किसी से बात नहीं करनी, आप आओगे या कोई दूसरा आएगा? रिपोर्टर – पहली बार मैं ही आऊंगा। अनिकेत – (ड्रेस पर नाम दिखाते हुए) यह रहेगा, या ड्रेस किसी के पास नहीं है इस ट्रेन में। रिपोर्टर – आप बस माल यहां तक ला दीजिए, बाकी माल मेरा आदमी उतार लेगा। अनिकेत – सिर्फ एक बार अपने आदमी से मिलवा दीजिएगा, बाकी सब काम हो जाएगा। रिपोर्टर – वही 27 को मिलते हैं। अनिकेत – नहीं, 26 को, ट्रेन 26 को पहुंचेगी, दिल्ली में तो पहले एक के साथ एक फ्री दारू मिलती थी। रिपोर्टर – कोई समस्या तो नहीं है ना? अनिकेत — नहीं, आप मिलिए आपका काम हो जाएगा। अनिकेत ने किया ट्रेन से शराब की तस्करी का खुलासा रिपोर्टर से डील के दौरान अनिकेत ने बताया कि सत्याग्रह से लेकर हर वीआईपी ट्रेन की एसी कोच में शराब आसानी से जाती है। गोलू की सेटिंग का भी अनिकेत ने खुलासा किया। अनिकेत के मुताबिक गोलू की ट्रेनों में बड़ी सेटिंग है, वह किसी भी ट्रेन से शराब की पेटियां भेज देता है। जिसकी सेटिंग जितनी मजबूत है, वह उतनी ही आसानी से शराब की खेप यूपी से बिहार भेज देता है। अनिकेत ने बताया बिहार ड्राई स्टेट है, ट्रेनों में भी चेकिंग होती है। लेकिन यहां तो चेकिंग में भी पैसे का पूरा खेल है। सेटिंग कीजिए फिर आसानी से आप AC कोच में सामान लेकर जाइए, कोई पूछने वाला नहीं होगा। वेंडर्स ने इसका भी रास्ता बताया कि ट्रेन में सेटिंग सही है तो आप शराब की खेप आसानी से यूपी से बिहार में ले जा सकते हैं। माल वहीं पकड़ा जाता है जब सही से सेटिंग नहीं हो पाती है। न्यू ईयर को लेकर ट्रेनों में चेकिंग तो बढ़ी है, लेकिन डिमांड के हिसाब से खेप भी अधिक संख्या में जा रही है। इन्वेस्टिगेशन में हर रूट से तस्करी की सेटिंग का खुलासा भास्कर की इन्वेस्टिगेशन में शराब की तस्करी के लिए सभी रुटों पर डील हुई। बिहार में ट्रेन, सड़क और नदियों के रास्ते शराब की खेप आ रही है। सड़क, ट्रेन और जलमार्ग से शराब की खेप लाने वाले तस्करों का नेटवर्क इतना बड़ा है कि बिना उनकी मिलीभगत के कोई शराब की खेप बिहार में नहीं ला सकता है। वह जब चाहते हैं ऐसे लोगों की शराब की खेप पकड़वा देते हैं। यूपी में बिहार की बॉर्डर पर रिटेल काउंटर से थोक शराब की डील करने वाले तस्करी से मालामाल हो रहे हैं। न्यू ईयर के जश्न पर तो बिहार में तस्करों के साथ यूपी में शराब कारोबारी भी स्टाक मंगाकर एक्टिव हो गए हैं। डर्टी सेलिब्रेशन पार्ट 4 में कल देखिए बिहार में 21 दिनों में कैसे 50 ग्राम के चूजों को स्टेरायड से बनाया जा रहा ढाई किलो का मुर्गो..।


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