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ट्रेन की चपेट में आने से छात्र की मौत:जहानाबाद में सड़क पार करते समय हादसा, कान में लगा हुआ था इयरफोन

जहानाबाद में मानव रहित रेलवे गुमटी पर लापरवाही एक बार फिर जानलेवा साबित हुई। जहानाबाद स्टेशन के आउटर सिग्नल के पास ट्रेन की चपेट में आने से 17 वर्षीय किशोर की दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ, जब किशोर मानव रहित गुमटी पार कर रहा था। घटना के बाद इलाके में शोक की लहर फैल गई, वहीं परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। यह हादसा एक बार फिर रेल ट्रैक पार करते समय बरती जाने वाली असावधानी और सुरक्षा उपायों की कमी पर सवाल खड़े करता है। मानव रहित गुमटी पर हुआ दर्दनाक हादसा प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह हादसा जहानाबाद रेलवे स्टेशन के आउटर सिग्नल के समीप स्थित मानव रहित रेलवे गुमटी पर हुआ। यहां से गुजरते समय 17 वर्षीय किशोर ट्रेन की चपेट में आ गया। तेज रफ्तार पाटलिपुत्र पैसेंजर ट्रेन ने उसे कुचल दिया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। ट्रेन गुजरने के बाद जब स्थानीय लोगों की नजर रेलवे लाइन पर पड़ी, तो क्षत-विक्षत शव देख लोग सन्न रह गए। मृतक की पहचान, पढ़ाई के लिए रहता था किराए के मकान में मृतक की पहचान राहुल कुमार के रूप में की गई है। राहुल टेहटा थाना क्षेत्र के सुपी गांव का निवासी था। वह पढ़ाई के उद्देश्य से जहानाबाद में रह रहा था और डीएम आवास के पास एक किराए के मकान में ठहरा हुआ था। परिजनों के अनुसार, मैट्रिक परीक्षा का परिणाम आने के बाद राहुल इंटर की पढ़ाई के लिए जहानाबाद आया था और भविष्य को लेकर उसके कई सपने थे, जो इस हादसे में हमेशा के लिए टूट गए। बाजार से लौटते समय हुआ हादसा प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, राहुल बाजार से समोसा और कुछ अन्य सामान खरीदकर अपने कमरे की ओर लौट रहा था। रास्ते में उसे मानव रहित रेलवे गुमटी पार करनी थी। इसी दौरान वह बिना पूरी सतर्कता बरते रेलवे ट्रैक पार करने लगा। तभी पाटलिपुत्र पैसेंजर ट्रेन आउटर सिग्नल की ओर से आ गई और राहुल उसकी चपेट में आ गया। ट्रेन की गति इतनी तेज थी कि उसे संभलने का मौका तक नहीं मिला। ईयरफोन और मफलर बने हादसे की वजह घटना के संबंध में यह भी बताया जा रहा है कि हादसे के समय राहुल के कान में इयरफोन लगा हुआ था। इसके अलावा उसने मफलर से कान और गर्दन ढक रखी थी। आशंका जताई जा रही है कि इसी कारण वह ट्रेन के हॉर्न की आवाज नहीं सुन सका। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर राहुल ने थोड़ा भी ध्यान दिया होता या इयरफोन का उपयोग नहीं कर रहा होता, तो शायद यह हादसा टल सकता था। घटना की सूचना मिलते ही पहुंची जीआरपी हादसे की सूचना मिलते ही जहानाबाद जीआरपी मौके पर पहुंची। पुलिस ने रेलवे ट्रैक से शव को कब्जे में लेकर आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी की। इसके बाद परिजनों को घटना की जानकारी दी गई। सूचना मिलते ही परिजन मौके पर पहुंचे और शव की पहचान की। पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया पूरी करने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। परिजनों में मचा कोहराम राहुल की मौत की खबर जैसे ही उसके घर और किराए के मकान में पहुंची, परिजनों में कोहराम मच गया। माता-पिता और अन्य परिजन बेसुध हो गए। रोते-बिलखते परिजनों का कहना था कि राहुल पढ़ाई में काफी मेहनती था और परिवार को उससे बड़ी उम्मीदें थीं। गांव से लेकर शहर तक उसके परिचितों में शोक की लहर दौड़ गई। जीआरपी का बयान इस संबंध में जीआरपी में पदस्थापित एसआई शशिकांत कुमार ने बताया कि मानव रहित गुमटी पार करने के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से एक छात्र की मौत हुई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम कराया और फिर परिजनों को सौंप दिया गया है। मामले में आगे की आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। मानव रहित गुमटियों पर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल यह हादसा एक बार फिर मानव रहित रेलवे गुमटियों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। आए दिन ऐसे स्थानों पर दुर्घटनाएं हो रही हैं, लेकिन अब तक ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि यहां फाटक या चेतावनी सिग्नल की बेहतर व्यवस्था होती, तो शायद राहुल की जान बच सकती थी। सतर्कता ही बचाव का एकमात्र उपाय रेलवे और पुलिस प्रशासन बार-बार लोगों से अपील करता रहा है कि रेलवे ट्रैक पार करते समय पूरी सतर्कता बरतें, इयरफोन का उपयोग न करें और दाएं-बाएं देखकर ही आगे बढ़ें। बावजूद इसके, लापरवाही के कारण इस तरह की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। राहुल की मौत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि थोड़ी सी असावधानी भी जानलेवा बन सकती है।


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