ट्रंप की पहल का मुस्लिम देशों ने किया स्वागत, कतर विदेश मंत्रालय ने संयुक्त बयान किया जारी, हमास पर टिकी निगाहें

ट्रंप की पहल का मुस्लिम देशों ने किया स्वागत, कतर विदेश मंत्रालय ने संयुक्त बयान किया जारी, हमास पर टिकी निगाहें

गाजा में जारी संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में कतर, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, तुर्की, सऊदी अरब और मिस्र के विदेश मंत्रियों ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व और उनके शांति प्रयासों का स्वागत किया है. उन्होंने ट्रंप की ओर से बनाए प्रस्ताव की सराहना की.

कतर विदेश मंत्रालय ने संयुक्त बयान में कहा कि ट्रंप के प्रस्ताव में गाजा में युद्धविराम, पुनर्निर्माण, फिलिस्तीनी नागरिकों के विस्थापन को रोकने और क्षेत्र में स्थायी शांति को बढ़ावा देने की बात कही गई है. इससे वहां के लोग एक नए सिरे से अपनी जिंदगी को दोबारा शुरू कर सकेंगे. कतर के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि इन देशों के शीर्ष राजनयिकों ने इस बात पर विश्वास जताया है कि ट्रंप की पहल से क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही अस्थिरता का समाधान निकल सकता है. अरब समेत सभी इस्लामिक देशों के मंत्रियों ने ट्रंप द्वारा दी गई उस गारंटी का भी स्वागत किया, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि वह पश्चिमी तट पर कब्जे की अनुमति नहीं देंगे.

दशकों से चला आ रहा संघर्ष होगा खत्म

बयान में यह भी कहा गया है कि संबंधित देश समझौते को अंतिम रूप देने, उसे लागू करने और क्षेत्र में शांति, सुरक्षा व स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका और अन्य भागीदारों के साथ बातचीत को तैयार है. ट्रंप की इस पहल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बारीकी से देखा जा रहा है. विश्लेषकों का मानना है कि यदि यह प्रस्ताव व्यवहारिक ढंग से आगे बढ़ाया गया, तो यह मध्य पूर्व में दशकों से चले आ रहे संघर्ष के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है.


गाजा में अभी स्थिति गंभीर

बता दें कि गाजा में बीते कई महीनों से जारी हिंसा और सैन्य कार्रवाइयों के कारण मानवीय संकट गहराता जा रहा है. हजारों लोग बेघर हो चुके हैं और बुनियादी सुविधाएं पूरी तरह चरमरा गई हैं. ऐसे में यह पहल न केवल राजनीतिक बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से भी अत्यंत आवश्यक मानी जा रही है. यही वजह है कि अरब समेत अन्य इस्लामिक देशों ने ट्रंप की इस पहल का स्वागत किया है.

हमास पर टिकी निगाहें

अब दुनिया की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि यह शांति प्रस्ताव किस तरह आगे बढ़ता है और क्या यह वास्तव में धरातल पर अमल में लाया जा सकेगा. मुस्लिम देशों की तत्परता और ट्रंप की घोषणा के बाद उम्मीद की एक नई किरण जरूर दिखाई दे रही है, लेकिन असली परीक्षा अभी बाकी है. बताया जा रहा है कि अब सभी की निगाहें हमास पर टिकी हैं.

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