अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार यानी 16 दिसंबर को एक नया घोषणापत्र प्रोक्लेमेशन पर साइन कर दिए हैं। इससे अमेरिका में एंट्री पर पूरी तरह से या पार्शियल बैन वाले देशों की संख्या 19 से बढ़कर 39 हो गई है। यह बदलाव 1 जनवरी 2026 से लागू होंगे। व्हाइट हाउस के मुताबिक यह प्रतिबंध उन देशों पर लगाए गए हैं जहां स्क्रीनिंग, वेटिंग लिस्ट और जानकारी साझा करने में गंभीर कमियां हैं। इसका मकसद अमेरिका की राष्ट्र सुरक्षा, आतंकवाद विरोध और इमीग्रेशन कानून को मजबूत करना है। कई देशों में आतंकवादी गतिविधियां, भ्रष्टाचार और वीजा ओवरस्टे की हाई फ्रीक्वेंसी को इसकी वजह बताया गया है।
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जिन लोगों के पास पहले से वीजा है, जो अमेरिका के वैध स्थायी निवासी हैं, जो राजनयिकों या खिलाड़ियों जैसी कुछ विशेष वीजा श्रेणियां के तहत अमेरिका आते हैं या जिनका अमेरिका में प्रवेश देश के हित में माना जाता है, उन्हें इन प्रतिबंधों से छूट दी गई है। घोषणा में कहा गया है कि ये बदलाव एक जनवरी से प्रभावी होंगे। जून में ट्रंप ने घोषणा की थी कि 12 देशों के नागरिकों को अमेरिका आने से प्रतिबंधित किया जाएगा।
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आपको बता दें कि ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में भी मुस्लिम बहुल देशों पर ट्रैवल बैन लगाया था। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी थी। बाइडन जब आए तो उन्होंने यह ट्रैवल बैंड्स हटा दिए। अब दूसरे कार्यकाल में ट्रंप ने एक बार फिर से यह कारवाही शुरू कर दी है। जनवरी 2025 से ट्रंप ने इमीग्रेशन को सख्त करना शुरू कर दिया था। जून महीने में 19 देशों पर बैन लगाया गया। नवंबर में वाशिंगटन में एक अफगान व्यक्ति द्वारा नेशनल गार्ड पर हमले के बाद ट्रंप ने और सख्ती की बात कही। दिसंबर में यह विस्तार हुआ। वाइट हाउस का कहना है कि यह डाटा आधारित फैसला है। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए यह फैसला जरूरी है। हालांकि कई संगठनों ने इसकी आलोचना की है। उनका कहना है कि यह कई देशों के लोगों को अनुचित तरीके से प्रभावित करेगा।
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