‘पंचों ने कहा अब बच्ची हो गई है तो लड़के के पास जाओ। मां-पापा का नाम खराब मत करो। वहीं रहो तो शादी करवा दी जाएगी। इसी लालच में मैं अपने 22 दिन के बच्ची के साथ लड़के के घर आ गई हूं। इस घर में मेरी सौतन भी रह रही है, जो अक्सर मुझे भगाने के लिए मारपीट करती है। इसके बावजूद मैं डटी हुई हूं। यहीं पर रहूंगी। मैं यहां से कहीं नहीं जाऊंगी और अपनी बच्ची को ट्यूशन टीचर का नाम भी दूंगी।’ ये कहना है उस छात्रा का जो एक साल तक अपने ट्यूशन टीचर के अत्याचार को सहती रही और एक बच्ची को जन्म दिया। छात्रा के साथ पूरी घटना क्या हुई, कैसे ट्यूशन टीचर ने उसे फंसाया, फिर शादी से इनकार करने लगा, पंचायत में क्या हुआ। ये जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम जिला मुख्यालय से 100KM दूर लड़के के गांव पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… सबसे पहले जानिए क्या है पूरा मामला सुपौल में आठवीं की एक छात्रा से ट्यूशन टीचर ने लगातार एक साल तक रेप किया। जब लड़की प्रेग्नेंट हो गई, तो शिक्षक ने पहले अबॉर्शन के लिए दबाव डाला, फिर मुकर गया। 22 दिन पहले उसकी डिलीवरी हुई। अब लड़के ने बेटी को अपनाने से इनकार कर दिया है। इस बीच उसने दूसरी शादी भी कर ली है। बच्चे के जन्म के बाद पूरा मामला सामने आया। जिसके बाद गांव में पंचायत बैठी, परिवार रोया-गिड़गिड़ाया, लेकिन आरोपी टस से मस नहीं हुआ। अब लड़की अपने नवजात को गोद में लिए ससुराल में जबरदस्ती आकर बैठी है। अब छात्रा की जुबानी सुनिए पूरी कहानी ‘मुझे पढ़ना था, लेकिन अब बच्चे संभाल रही’ ‘मैं तो सिर्फ पढ़ाई करना चाहती थी। हमारा घर छोटा है, ज्यादा पैसे नहीं हैं। मां हमेशा कहती थी, बेटी पढ़ेगी, तभी जिंदगी बदलेगी। इसी उम्मीद के साथ मां ने मुझे पढ़ने के लिए नानी के पास भेजा। नानी ने ही मुझे आरोपी राजाराम(35) के पास ट्यूशन लगवाया था। शुरुआत में वह सिर्फ मेरे टीचर थे। धीरे-धीरे वह मेरे मार्क्स की तारीफ करते, कहते- तुम बहुत आगे जाओगी। मुझे अच्छा लगता था। ऐसा महसूस होता था कि कोई मेरे सपनों को समझ रहा है। एक दिन उन्होंने कहा, मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं। मैं घबरा गई, लेकिन उन्होंने समझाया, डरना मत, मैं हूं न। उस समय मुझे यही लगा कि कोई है जो मेरी जिम्मेदारी लेना चाहता है। फिर एक दिन उन्होंने कहा, अगर हम शादी करने वाले हैं, तो हमें एक-दूसरे के करीब आने में क्या दिक्कत है। पहले तो मैंने उनसे न कहा, लेकिन वह बार-बार समझाते रहे, प्यार में ऐसा होता है…मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूंगा। 3-4 बार मेरे साथ संबंध बनाया, फिर बातचीत बंद कर दी उस दिन के बाद उन्होंने मेरे साथ कई बार संबंध बनाए। पढ़ाई के दौरान अकसर वो मेरे साथ यह हरकत करते थे। कुछ महीनों के बाद मुझे लगा कि मेरे शरीर में बदलाव आ रहा है, तो ये सारी बातें मैंने उन्हें बताई। टीचर ने कहा, डर मत, शादी हो जाएगी…किसी को मत बोलना। अगर किसी को बताया, तो तुम्हारी पढ़ाई रुक जाएगी। मैंने यकीन किया और चुप रह गई। कुछ समय बाद वह महीने में 2-3 बार ही मुझे पढ़ाने के लिए घर आते थे। कहते, ‘बस कुछ ही दिन और फिर मैं सबको हम दोनों के बारे में बता दूंगा। कभी मैं रोती तो कहते, प्यार में सब चलता है। ‘टेस्ट कराने पर पॉजिटिव निकला, मैं डर गई’ एक दिन मुझे कमजोरी महसूस होने लगी, उल्टियां भी होने लगीं। मैंने सोचा मौसम की वजह से है। नानी ने दवा दिलाई, लेकिन जब मेरा पीरियड मिस हुआ तब मुझे समझ आया। टेस्ट कराने की हिम्मत नहीं थी। इस बारे में मैंने राजाराम को बताया। उसने मेरा खुद टेस्ट कराया और पॉजिटिव निकला। मैं रोने लगी। उसने कहा, मैं तुम्हारा अबॉर्शन करवा दूंगा। मैंने पूछा अबॉर्शन क्यों शादी क्यों नहीं कर सकते? इसपर उसने मुझसे कहा, अभी नहीं थोड़ा इंतजार करो। घर में बताकर तुमसे ही शादी करूंगा। ‘राजाराम की हो रही थी शादी’ इस घटना के बाद से उनका व्यवहार बदलने लगा। फोन कम उठाते थे, मैसेज में एक लाइन में सिर्फ जवाब देते थे। मुझे पढ़ाने भी नहीं आने लगे। इसके बाद नानी ने जब उनके घर में फोन किया तो पता चला की राजाराम की शादी हो रही है। इस बात को जानकर मैं बहुत रोई। मैंने नानी के फोन से कॉल किया और बहुत चिल्लाई। मैंने उनसे कहा, आप ने वादा किया था कि आप मेरे से शादी करेंगे। इसपर उन्होंने कहा,समय आने पर सब ठीक हो जाएगा। समय बीतता गया, लेकिन कुछ ठीक नहीं हुआ। ‘आरोपी ने मुझे हर जगह से ब्लॉक कर दिया’ वहीं, जब मैंने अबॉर्शन से मना किया और कहा कि मैं बच्चा नहीं मारूंगी, तो उसने मुझे ही दोषी ठहरा दिया। उन्होंने कहा, तुमने मुझे फंसाया है। इसके बाद उसने मुझे ब्लॉक कर दिया। घरवालों को इस बारे में कुछ पता नहीं था। पेट बढ़ने लगा। इसपर नानी ने पूछा, तो मैं फूट-फूटकर रो पड़ी। वह रात मेरे जीवन की सबसे डरावनी थी। मेरी प्रेग्नेंसी की बात सुनते ही नानी बेहोश हो गईं, मां-पापा को घर पर बुलाया और सारी बात बता दी। ‘आरोपी ने बच्चे को अपनाने से किया इनकार’ इसके बाद नानी ने पंचायत बैठवाई। आरोपी और उसके परिवार वालों को बुलाया। आरोपी वहां पर आंखें झुकाए बैठा था। उसने कहा, ये बच्चा मेरा नहीं है। मुझे इस बात पर बहुत गुस्सा आया, जिस आदमी को मैं भगवान की तरह मानती थी, वही मेरे ऊपर आरोप लगा रहा था। पंचायत वाले बोले- शादी करो और बच्चे को लेकर जाओ। वह बोला, मैं इसे नहीं जानता हूं। मेरी तो शादी हो चूकी है। ‘डिलीवरी के बाद बच्चे को अपनाने से किया इनकार’ डिलीवरी से पहले अस्पताल में उसने आकर कहा, अगर तुम पुलिस में गई तो मैं मर जाऊंगा। मैं डर गई और चुप रही। लेकिन जब मैंने बच्चे को पहली बार अपनी छाती से लगाया, तब मुझे लगा, अब मैं चुप नहीं रहूंगी। डिलीवरी के बाद वो बच्चा देखने तक नहीं आया। अब मैं उसी के घर में रहूंगी, मेरी बच्ची यहीं पलेगी नानी की शिकायत के बाद पुलिस ने राजाराम को घर से उठा लिया है। वहीं, मैं उसके घर पर उसकी पत्नी का सामना कर रही हूं। मैं डरती हूं, अगले महीने उसका दूध, दवा, कपड़ा कैसे आएगा? लेकिन जब बच्ची मुस्कराती है, तो लगता है मैं अकेली नहीं हूं। लोग कहते हैं, गलती तुम्हारी है, पर मेरी गलती क्या थी? मैं बस पढ़ना चाहती थी। मैंने भरोसा किया, वही मेरे लिए सजा बन गई। अब मैं चाहती हूं, उसके खिलाफ केस हो, DNA हो, सजा मिले। क्योंकि अगर वह छूट गया, तो वह किसी और लड़की की जिंदगी भी ऐसे ही बरबाद कर देगा। मैं डरती जरूर हूं… लेकिन अब चुप नहीं रहूंगी। वहीं, लड़के के पिता का कहना है, मुझे इस रिश्ते के बारे में पहले से जानकारी नहीं थी। इस वजह से मैंने उसकी शादी 4 महीने पहले कहीं और करवा दी है। लेकिन अब इसमें इस छात्रा की कोई गलती नहीं है। इस वजह से मैं इसकी शादी अपने बेटे से करवा दूंगा। इसे कोई दिक्कत होने नहीं दूंगा। बलुआ बाजार थानाध्यक्ष सुमित कुमार ने बताया, पीड़िता की नानी ने थाने में लिखित शिकायत की है। इसी के आधार पर आरोपी को हिरासत में लिया गया है। पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है।
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