गया में भूमि संबंधी काम में अनियमितता के आरोप में टिकारी अंचल के राजस्व कर्मचारी रंजन पासवान को निलंबित कर दिया गया है। जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने शुक्रवार को यह कार्रवाई की। प्रशासनिक जांच में दाखिल-खारिज से जुड़े मामलों में गंभीर अनियमितताओं की पुष्टि होने के बाद निलंबन और विभागीय कार्रवाई शुरू की गई हैं। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, रंजन पासवान ने राजस्व विभाग के ‘फर्स्ट कम फर्स्ट आउट’ (FIFO) नियम का उल्लंघन किया। यह नियम आवेदनों के निपटारे में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करता है। कर्मचारी पर आरोप है कि उन्होंने कई आवेदनों को तय क्रम से हटाकर निपटाया और कुछ मामलों में अनावश्यक देरी की। आम जनता को हुई थी परेशानी यह भी सामने आया कि रंजन पासवान ने अनेक आवेदनों को 75 दिनों से अधिक समय तक बिना किसी उचित कारण के लंबित रखा। इस लापरवाही के कारण आम जनता को जमीन से जुड़े कार्यों के लिए बार-बार कार्यालय के चक्कर लगाने पड़े और उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने इस संबंध में कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि राजस्व काम में लापरवाही किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिला प्रशासन ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर काम कर रहा है और जमीन से जुड़े मामलों में जनता को परेशान करना गंभीर अपराध है। डीएम ने स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में किसी भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा बिना कारण आवेदनों को लंबित रखने या जनता का शोषण करने की शिकायत मिलती है, तो जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी अंचलाधिकारी और राजस्व कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि वे समय-सीमा के भीतर काम को पूरा करें और पारदर्शिता बनाए रखें। इस कार्रवाई से यह संदेश गया है कि जिले में प्रशासनिक जवाबदेही और ईमानदारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, और किसी भी लापरवाही पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
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