चंडीगढ़ में झुग्गी से करोड़पति बने फाइनेंसर और प्रॉपर्टी डीलर रामलाल चौधरी पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिकंजा कस दिया है। ईडी ने रामलाल और उसके बेटे अमित कुमार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में चंडीगढ़ जिला अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। अदालत ने दोनों आरोपियों को पेश होने के लिए नोटिस जारी कर दिए हैं। ईडी कार्यालय चंडीगढ़ में इस मामले की सुनवाई 6 फरवरी से शुरू होगी। बता दें कि रामलाल चौधरी चार साल पहले उस समय सुर्खियों में आया था, जब चंडीगढ़ पुलिस ने उसे करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी के दो बड़े मामलों में गिरफ्तार किया था। इन मामलों के सामने आने के बाद ईडी ने उसके खिलाफ जांच शुरू की थी। करीब तीन साल तक चली जांच के बाद अब ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में चार्जशीट दाखिल की है। सूत्रों के मुताबिक, रामलाल चौधरी ने पिछले कुछ वर्षों में अवैध तरीकों से 150 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति बनाई। पुलिस कार्रवाई के दौरान उसके पास से बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज जैसी लग्जरी गाड़ियां भी बरामद हुई थीं। ईडी अब उसकी सभी चल-अचल संपत्तियों की जांच कर रही है और यह पता लगाया जा रहा है कि इतनी बड़ी संपत्ति किस तरह अर्जित की गई। यहां जानिए कैसे रामलाल बना 150 करोड़ की संपत्ति का मालिक… मजदूरी करता था, 1976 में चंडीगढ़ आया
पुलिस के मुताबिक, करीब पांच दशक पहले रामलाल चौधरी मजदूरी किया करता था। वह वर्ष 1976 में चंडीगढ़ आया और रामदरबार कॉलोनी की झुग्गी में रहने लगा। शुरुआत में वह छोटे-मोटे काम और रेहड़ी लगाकर गुजर-बसर करता था। धीरे-धीरे उसने पुलिस और नेताओं से संबंध बनाए और फाइनेंस के काम में उतर गया। पुलिस और नेताओं से नजदीकी का उठाया फायदा
जांच में सामने आया है कि रामलाल लोगों को पुलिस और प्रशासनिक मामलों में राहत दिलाने का लालच देकर मोटी रकम वसूलता था। सूत्रों के मुताबिक, पुलिसकर्मियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग तक में उसकी भूमिका बताई जाती रही। इसी नेटवर्क के जरिए उसने करोड़ों रुपए की अवैध कमाई की। गुड़गांव के कारोबारी से 5 करोड़ की ठगी में नाम आया
4 साल पहले गुड़गांव के कारोबारी अतुल्य शर्मा ने रामलाल के खिलाफ 5 करोड़ रुपए की ठगी की शिकायत दी थी। शिकायत के मुताबिक, निवेश के नाम पर रामलाल ने उससे 5 करोड़ रुपए लिए और बाद में रकम लौटाने से इनकार कर दिया। कारोबारी ने आरोप लगाया था कि उसने मुंबई स्थित घर, गहने बेचकर और लोन लेकर यह रकम दी थी। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। रिटायर्ड अधिकारी से ठगी के बाद ईडी ने जांच शुरू की
इसके बाद रामलाल पर धोखाधड़ी का एक और मामला दर्ज हुआ। रेवाड़ी के एक रिटायर्ड अधिकारी ने शिकायत दी थी कि विजिलेंस केस में राहत दिलाने के नाम पर उससे 6 करोड़ रुपए ठग लिए गए। कारोबारी अतुल्य शर्मा और फिर रिटायर्ड अधिकारी के मामले सामने आने के बाद ईडी ने रामलाल और उसके परिवार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। रेप और हत्या जैसे मामलों में भी आया नाम
रामलाल का नाम कई आपराधिक मामलों में भी सामने आया। उस पर दुष्कर्म और हत्या जैसे गंभीर आरोप लगे, हालांकि बाद में वह मामलों में बरी हो गया। वर्ष 2014 में सेक्टर-49 में एक मॉडल युवती की गोली मारकर हत्या के मामले में रामलाल, उसकी बेटी और दो शूटर गिरफ्तार हुए थे, लेकिन सबूतों के अभाव में सभी को बरी कर दिया गया।
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