भागलपुर जिले का झंडापुर स्वास्थ्य उपकेंद्र पिछले सात वर्षों से जलमग्न होने के कारण बंद पड़ा है। वर्तमान में, इसका संचालन झंडापुर उच्च विद्यालय के खेल प्रांगण में बनी पानी टंकी के एक छोटे से कमरे से किया जा रहा है। इस अस्थायी कमरे में मरीजों के इलाज के लिए न तो कोई जांच मशीन उपलब्ध है और न ही शौचालय की व्यवस्था है। स्वास्थ्यकर्मियों को शौच के लिए पास के स्कूल या खुले में जाना पड़ता है। बुनियादी सुविधाओं के अभाव में स्वास्थ्यकर्मियों और मरीजों दोनों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों के अनुसार, उपकेंद्र के उद्घाटन के बाद कुछ वर्षों तक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की गईं। हालांकि, पिछले लगभग सात वर्षों से यह उपकेंद्र लगातार जलमग्न रहने के कारण पूरी तरह बंद है, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं केवल कागजों तक सीमित रह गई हैं। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता पर सवाल इस गंभीर स्थिति ने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि बार-बार शिकायतें और मांगें करने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ग्रामीणों ने उपकेंद्र की मरम्मत और स्थायी भवन की मांग की ग्रामीणों ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उनकी मांगों में उपकेंद्र की मरम्मत कर उसे जल्द चालू करना, आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराना और स्थायी भवन में स्वास्थ्य सेवाएं बहाल करना शामिल है, ताकि क्षेत्र के लोगों को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। बिहपुर सीएचसी प्रभारी मुरारी पोद्दार ने बताया कि बिहपुर ब्लॉक में समन्वय समिति की बैठक में यह समस्या बताई गई थी। बैठक की रिपोर्ट बिहपुर विधायक इंजीनियर शैलेंद्र को सौंपी गई। विधायक शैलेंद्र ने इस गंभीर विषय को विधानसभा में भी उठाया था। जवाब में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने तीन महीने में मार्ग निर्माण का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक कोई राहत नहीं मिल सकी है। इस दौरान गुलशन चौधरी, रंजीत चौधरी, पवन चौधरी, त्रिपुरारी चौधरी, रंजों चौधरी, बिपिन कुमार, शेखर कुमार, आकाश कुमार, विकास कुमार और रवि कुमार सहित कई अन्य ग्रामीण मौजूद थे।
https://ift.tt/ZjTftFI
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply