जौनपुर में बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ और अरब सागर में बने अवदाब का असर दिखाई दिया है। सोमवार रात जिले के कई हिस्सों में हल्की से रिमझिम बारिश हुई, जिससे अधिकतम तापमान में पांच डिग्री से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। इस असमय बारिश से धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। तूफान के प्रभाव से सोमवार से मौसम में अचानक बदलाव आया। रात में 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से नम हवाएं चलीं। राज्य मौसम केंद्र के प्रभारी अतुल सिंह ने बताया कि तूफान आंध्र प्रदेश तट पार करने के बाद कमजोर पड़ गया है। इसके अवशेष के प्रभाव से 29 और 31 अक्टूबर के दौरान दक्षिणी व पूर्वी उत्तर प्रदेश में तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है। 30 अक्टूबर को पूर्वांचल के कुछ जिलों में भारी वर्षा भी हो सकती है। इस दौरान बादलों की आवाजाही से अधिकतम तापमान में उतार-चढ़ाव रहेगा, लेकिन न्यूनतम तापमान में विशेष परिवर्तन की उम्मीद नहीं है। बरसठी क्षेत्र के कई गांवों में तेज हवाओं के साथ हुई बारिश से खेतों में पानी भर गया। असमय हुई इस बारिश के कारण तैयार हो रही धान की फसल गिर गई है, जिससे किसान चिंतित हैं। रामपुर सवाई के किसानों की धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है, जहां खेतों में दो से तीन फीट तक पानी भर गया है। किसान विनोद तिवारी ने बताया कि धान की फसल उनके लिए सालभर की मेहनत का फल है और बारिश से काफी नुकसान हुआ है। अभय राज ठुबे, बुजुर्ग किसान विश्वनाथ यादव और बालकृष्ण दुबे ने भी कहा कि असमय बारिश से धान की फसल को नुकसान पहुंचने के साथ-साथ पशुओं के चारे का संकट भी उत्पन्न हो जाएगा।
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