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जेल में बंदियों को अधिकारों के बारे में बताया:दरभंगा में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर कार्यक्रम, समाज में जागरूकता का लिया संकल्प

दरभंगा में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर बुधवार को जिले में विभिन्न स्थानों पर मानवाधिकार से जुड़े जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव आरती कुमारी ने बताया कि बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर अलग-अलग जगहों पर मानवाधिकार दिवस कार्यक्रम आयोजित हुए। उन्होंने बताया कि जेलों में बंद बंदियों के बीच विशेष जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया, जहां मानवाधिकारों, गिरफ्तारी के दौरान दिए गए कानूनी अधिकारों, उच्चतम और उच्च न्यायालयों की ओर से पारित महत्वपूर्ण आदेशों की जानकारी दी गई। महिला बंदियों को उनके विशेष अधिकारों के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया और उनसे संवाद भी किया गया। उन्होंने कहा कि इस बार बिहार ह्यूमन राइट्स कमीशन के सहयोग से मानवाधिकार दिवस को उत्सव की तरह मनाया गया। संविधान ने प्रत्येक नागरिक को जीवन जीने का अधिकार दिए हैं आरती कुमारी ने कहा कि हमारे संविधान ने प्रत्येक नागरिक को जीवन जीने का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, सम्मान का अधिकार और प्राइवेसी का अधिकार सहित अनेक मौलिक अधिकार प्रदान किए हैं। मानवाधिकार दिवस मनाने का उद्देश्य यही है कि हर नागरिक अपने अधिकारों के साथ-साथ दूसरों के अधिकारों के प्रति भी जागरूक हो। यह सिर्फ न्यायालयों या किसी संस्था की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम एक-दूसरे के अधिकारों का सम्मान करें और मानवाधिकारों के हनन को रोकें। मैं लोगों से अपील करती हूं कि वे अपने अधिकारों के प्रति सजग बनें और दूसरों के अधिकारों की भी रक्षा करें। जब तक हम दूसरे के अधिकारों का सम्मान नहीं करेंगे, तब तक मानवाधिकार पूरी तरह सुरक्षित नहीं हो सकते। एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में हमारा यह कर्तव्य है कि हम अधिकार और कर्तव्य दोनों को समझें, तभी हमारा समाज आगे बढ़ पाएगा। साथ ही, मैं लोगों को अवगत कराना चाहती हूं कि 13 दिसंबर को नेशनल लोक अदालत का आयोजन होने जा रहा है। लोक अदालत गांधीवादी सिद्धांतों पर आधारित है और यहां मामलों का निष्पादन दोनों पक्षों की आपसी सहमति से एक ही दिन में किया जाता है। इससे समय, धन और ऊर्जा तीनों की बचत होती है, क्योंकि इसमें अदालत की औपचारिक कार्यवाही नहीं होती। यदि आपके पास बिजली बिल, टेलीफोन बिल, बैंक रिकवरी, ट्रैफिक चालान या अन्य किसी प्रकार का विवाद है, तो आप लोक अदालत में जाकर उसका समाधान करा सकते हैं। यह एक प्रभावी और सरल माध्यम है। मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय से लेकर स्थानीय स्तर तक कई संस्थाएं कार्यरत राष्ट्रीय स्तर: नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी, सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी। राज्यस्तर: स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी, हाईकोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी। जिला स्तर: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण। तालुका स्तर: तालुका लीगल सर्विसेज कमेटी। ये सभी संस्थाएं नागरिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और उन्हें निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करने का कार्य करती हैं। शपथ ग्रहण समारोह भी हुआ उधर, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर दरभंगा समाहरणालय स्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर सभागार में जिलाधिकारी कौशल कुमार की अध्यक्षता में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत मानवाधिकारों के महत्व और संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों पर चर्चा के साथ हुई। जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों, कर्मचारियों और समाहरणालय परिसर में मौजूद कर्मियों को मानवाधिकारों के संरक्षण, संवर्धन और पालन से संबंधित शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार हर नागरिक का मूल अधिकार है और इसे सम्मानित और संरक्षित करना सभी का नैतिक और संवैधानिक दायित्व है। कार्यक्रम के अंत में सभी ने मानवाधिकारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए समाज में जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर अपर समाहर्ता राकेश कुमार, उप निदेशक जनसंपर्क सत्येंद्र प्रसाद, भू-अर्जन पदाधिकारी बालेश्वर प्रसाद, उप निर्वाचन पदाधिकारी सुरेश कुमार सहित अन्य पदाधिकारी एवं समाहरणालय कर्मी उपस्थित रहे।


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