बिहार सरकार ने राज्य की जेलों में सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था को और सख़्त करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि राज्य की सभी 53 काराओं में 9,073 नए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके लिए 155.38 करोड़ रुपए की योजना को अंतिम स्वीकृति दे दी गई है। सरकार ने साफ कहा है कि जेल सुरक्षा को मजबूत करने के लिए यह निवेश बेहद जरूरी था। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद बिहार की जेलों में सुरक्षा तंत्र पहले से कहीं अधिक आधुनिक, कुशल और तकनीक आधारित होगा। जेलों में गतिविधियों की हाई-टेक निगरानी संभव होगी और अवैध गतिविधियों पर रोकथाम की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। कहां लगेंगे कैमरे? राज्य की सभी 53 जेलों में 9,073 नए कैमरे लगाए जाएंगे। 8 काराओं में पहले से स्थापित कैमरा सिस्टम को नए नेटवर्क से इंटीग्रेटी किया जाएगा। हर जेल में आधुनिक नियंत्रण कक्ष और रियल-टाइम मॉनिटरिंग की सुविधा बनेगी हर जेल में बनेगा एक लोकल कंट्रोल रूम यह परियोजना सिर्फ कैमरे लगाने की बात नहीं है, बल्कि बिहार की जेलों में एक पूरी हाई-टेक निगरानी व्यवस्था तैयार की जा रही है। इसमें हाई-रेजोल्यूशन सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे जो हर गतिविधि को साफ-साफ रिकॉर्ड करेंगे। इसके साथ ही एक आधुनिक मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर, फील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर, फाइबर नेटवर्क और सर्वर सिस्टम भी लगाया जाएगा, ताकि कैमरों से आने वाली हर सूचनाओं की लाइव निगरानी हो सके। हर जेल में एक लोकल कंट्रोल रूम बनाया जाएगा, जहां ट्रेंड स्टाफ चौबीसों घंटे निगरानी कर पाएंगे। इस परियोजना में अगले पांच वर्षों तक कैमरों के रखरखाव और संचालन के लिए मैनपावर की लागत भी शामिल है। इसके अलावा परामर्श शुल्क, आकस्मिक खर्च और बेल्ट्रॉन का मार्जिन भी प्रोजेक्ट का हिस्सा है। पूरा विस्तृत प्राक्कलन बेल्ट्रॉन ने तैयार किया था, जिसे कारा एवं सुधार सेवाएं निरीक्षणालय ने मंजूरी दी है। जेल की सुरक्षा व्यवस्था होगी और अधिक मजबूत वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में इस परियोजना के लिए 155 करोड़ 38 लाख 36 हजार 153 रुपए स्वीकृत किए गए हैं। परियोजना लागू होने के बाद सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जेलों में सुरक्षा व्यवस्था और ज्यादा मजबूत हो जाएगी। कैमरों की लगातार निगरानी से हर गतिविधि 24×7 नजर में रहेगी, जिससे किसी तरह की गड़बड़ी या अवैध गतिविधि को तुरंत पकड़ा जा सकेगा। इससे जेल प्रबंधन में पारदर्शिता बढ़ेगी और तकनीक की मदद से संचालन ज्यादा प्रभावी और जिम्मेदार होगा। कैदियों की गतिविधियों पर लगातार नजर रहेगी और किसी भी असामान्य स्थिति में तुरंत एक्शन लेना आसान हो जाएगा। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का कहना है कि सरकार की प्राथमिकता कानून-व्यवस्था और जेल सुरक्षा को पूरी तरह आधुनिक बनाना है। नए कैमरा नेटवर्क के लगने से बिहार की जेलों में अनुशासन और सुरक्षा, दोनों को नई मजबूती मिलेगी।
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