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जीतनराम मांझी के बचाव में उतरे विधायक रोमित कुमार:बोले- AI से छेड़छाड़ कर फैलाया जा रहा भ्रम; चुनावी नतीजों को लेकर केंद्रीय मंत्री का आया था बयान

केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के संरक्षक जीतनराम मांझी के वायरल वीडियो को लेकर जिले की सियासत गरमा गई है। सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो पर अब मांझी के समर्थन में उनकी ही पार्टी के अतरी विधायक रोमित कुमार खुलकर सामने आ गए हैं। विधायक रोमित ने पूरे मामले को साजिश बताते हुए वीडियो की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। मीडिया से बातचीत में विधायक रोमित कुमार ने साफ कहा कि वायरल किया गया वीडियो किसी न किसी रूप में AI तकनीक से छेड़छाड़ किया हुआ हो सकता है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में किसी भी नेता के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करना आसान हो गया है। ऐसे में बिना जांच किसी निष्कर्ष पर पहुंचना गलत है। विधायक बोले- मंत्री के बोलने का संदर्भ कुछ और था, अलग अर्थ निकाला गया रोमित कुमार ने कहा कि वीडियो में मांझी के बोलने का संदर्भ कुछ और था, लेकिन उसे जानबूझ कर अलग अर्थ में पेश किया गया। इससे न सिर्फ भ्रम फैलाया जा रहा है, बल्कि एक वरिष्ठ दलित नेता की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि मांझी जी की राजनीतिक समझ और अनुभव पर सवाल उठाना दुर्भाग्यपूर्ण है। विधायक ने अप्रत्यक्ष रूप से अनिल कुमार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर किसी को लगता था कि चुनाव कठिन है या हार-जीत का अंतर कम हो सकता है, तो उन्हें पहले ही मांझी जी से संवाद करना चाहिए था। समय रहते चुनावी सभा और रणनीति तय होती, तो माहौल और मजबूत होता। ‘वायरल वीडियो के आधार पर राजनीतिक बयानबाजी ठीक नहीं’ रोमित कुमार ने दो टूक कहा कि वायरल वीडियो के आधार पर राजनीतिक बयानबाजी ठीक नहीं है। यह पूरा मामला तकनीकी जांच का है। उन्होंने मांग की कि वीडियो की फोरेंसिक और तकनीकी जांच कराई जाए, ताकि सच्चाई सामने आए और भ्रम की स्थिति खत्म हो। उन्होंने यह भी कहा कि मांझी हमेशा दल और समाज के हित में फैसले लेते रहे हैं। ऐसे नेता को विवादों में घसीटना सस्ती राजनीति है। विधायक के इस बयान के बाद साफ है कि पार्टी अपने संरक्षक के बचाव में पूरी मजबूती से खड़े हैं। वीडियो में मांझी ने कहा था- कैंडिडेट हार रहा था, DM को फोन कर जितवाया एक दिन पहले गयाजी से केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतनराम मांझी का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वो खुले मंच से कह रहे हैं कि, साल 2020 के विधानसभा चुनाव में एक सीट पर 2700 वोट से हार रहे थे, लेकिन DM से बात करके जीत दिला दिए थे। अपने भाषण में वो तत्कालीन गया DM अभिषेक सिंह का भी जिक्र करते सुने जा रहे थे। त्रिपुरा कैडर के 2006 बैच के IAS अभिषेक सिंह ने 2023 में नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। सार्वजनिक मंच से मगही भाषा में दिए गए इस बयान के बाद अब चुनावी व्यवस्था पर बहस तेज हो गई है। RJD ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा- सच कबतक छिपाओगे। दूसरी ओर जीतन राम मांझी ने वायरल हो रहे वीडियो में छेड़छाड़ की बात कही है। ये वीडियो बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र में आयोजित एक सम्मान समारोह का बताया जा रहा है। पढ़ें पूरी खबर…


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