सिटी रिपोर्टर | औरंगाबाद समाहरणालय औरंगाबाद स्थित योजना भवन के सभाकक्ष में शनिवार को जिला पदाधिकारी अभिलाषा शर्मा की अध्यक्षता में ग्रामीण विकास विभाग से जुड़ी प्रमुख योजनाओं की विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में आईसीडीएस, मनरेगा, एलएसबीए, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की गई। पीएम आवास से मनरेगा तक की उपलब्धि राज्य औसत से बेहतर पाया गया ।जिला पदाधिकारी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी योजनाओं का क्रियान्वयन पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ सुनिश्चित किया जाए, ताकि पात्र लाभुकों को इसका समुचित लाभ मिल सके।बैठक के क्रम में सर्वप्रथम आईसीडीएस विभाग की समीक्षा की गई। इस दौरान जिले में संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थिति, रिक्त पदों से संबंधित प्रतिवेदन, प्रस्तावित नए आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की प्रगति, किराये के भवनों में चल रहे केंद्रों में पेयजल एवं शौचालय की उपलब्धता तथा अन्य सरकारी भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थिति का विस्तृत अवलोकन किया गया। जिला पदाधिकारी ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, आईसीडीएस को निर्देश दिया कि बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली सेवाओं की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए। बैठक में उप विकास आयुक्त अनन्या सिंह, निदेशक डीआरडीए अनुपम कुमार, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आईसीडीएस विनीता कुमारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, मनरेगा पीओ एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे। ग्रामीण विकास विभाग एवं मनरेगा की समीक्षा के दौरान ग्राम पंचायतों में खेल मैदान योजनाओं की प्रखंडवार प्रगति पर चर्चा हुई। जिले की 202 पंचायतों में से 120 पंचायतों में खेल मैदान योजनाएं स्वीकृत हैं। कुल 135 योजनाओं में से 116 पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि 19 योजनाएं प्रगतिरत हैं। इस प्रकार कार्य पूर्णता का प्रतिशत 85.92 रहा। जिला पदाधिकारी ने अपूर्ण योजनाओं को शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिए। मनरेगा के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 में दिसंबर 2025 तक व्यक्ति-दिवस सृजन की समीक्षा में लक्ष्य के विरुद्ध 93.24 प्रतिशत उपलब्धि दर्ज की गई। इस दौरान महिलाओं की भागीदारी 52.19 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति की भागीदारी 24.39 प्रतिशत रही। 80 एवं 100 दिनों का रोजगार प्राप्त करने वाले परिवारों की स्थिति की भी समीक्षा की गई तथा रोजगार सृजन को और मजबूत करने पर जोर दिया गया।बैठक में मनरेगा श्रमिकों के आधार प्रमाणीकरण (ई-केवाईसी) की स्थिति पर भी चर्चा हुई। जिले में कुल 62.48 प्रतिशत श्रमिकों का ई-केवाईसी पूरा पाया गया। शेष श्रमिकों का ई-केवाईसी शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिए गए। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत मनरेगा अभिसरण से संबंधित आवासों में दिसंबर 2025 तक 48.69 प्रतिशत मस्टर रोल सृजन दर्ज किया गया, जिस पर जिला पदाधिकारी ने संतोषजनक प्रगति के लिए सुधार के निर्देश दिए।इसके अतिरिक्त हर खेत तक सिंचाई का पानी योजना, नहर विस्तार, कमांड एरिया सर्वेक्षण तथा वित्तीय वर्ष 2025-26 में सार्वजनिक एवं निजी वृक्षारोपण की समीक्षा की गई। वृक्षारोपण में जिले की उपलब्धि 69.88 प्रतिशत रही, जो राज्य औसत 54.96 प्रतिशत से कहीं अधिक है। लंबित मामलों में तेजी लाने का दिया निर्देश प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की समीक्षा के दौरान जिले की उपलब्धियों को सराहनीय बताया गया। वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2025-26 तक जिले में पूर्ण एवं सत्यापित आवासों की उपलब्धि 85.50 प्रतिशत रही, जो राज्य औसत 80.21 प्रतिशत से अधिक है। वहीं वित्तीय वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 में स्वीकृति, किस्त भुगतान तथा आवास पूर्णता के विभिन्न चरणों में भी जिले की प्रगति राज्य औसत से बेहतर पाई गई। जिला पदाधिकारी ने लंबित मामलों में तेजी लाने तथा समय पर आवास पूर्ण कराने के निर्देश दिए।बैठक में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास सहायता योजना एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना की भी समीक्षा की गई। वित्तीय वर्ष 2023-24, 2024-25 एवं 2025-26 में जिले की उपलब्धि राज्य औसत से अधिक रही है। विशेष रूप से वर्ष 2025-26 में दोनों योजनाओं के अंतर्गत 100 प्रतिशत स्वीकृति दर्ज की गई, जिसे जिले के लिए बड़ी उपलब्धि बताया गया।
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