जहानाबाद और अरवल में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस दौरान जहानाबाद में सात और अरवल में 4 न्याय पीठों का गठन किया गया, जहां लंबित मामलों का निपटारा किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव रंजीत कुमार ने बताया कि इन न्याय पीठों का गठन प्रधान जिला जज सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष ब्रजेश कुमार के निर्देश पर किया गया था। इसका उद्देश्य विभिन्न प्रकार के विवादों का सुलह के आधार पर समाधान करना था। मामलों का निपटारा किया गया लोक अदालत में सुलहनीय आपराधिक मामले, एनआई एक्ट, उपभोक्ता फोरम, बैंक ऋण, मोटर दुर्घटना दावा, श्रम विभाग, जल एवं विद्युत कर, दाम्पत्य संबंधित विवाद, टेलीफोन बिल, भू-अर्जन, खनन, राजस्व और ग्राम कचहरी से जुड़े मामलों का निपटारा किया गया। पैनल अधिवक्ताओं को भी नियुक्त किया गया जहानाबाद व्यवहार न्यायालय में गठित सात न्याय पीठों में अरुण कुमार शर्मा (डी.ए.एस.जे. प्रथम), कौशलेंद्र कुमार शुक्ला (मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी), अदिति कुमारी (अवर न्यायाधीश प्रथम), अनीश कुमार (एस.डी.जे.एम.), प्रेरणा सिंह (प्रधान दंडाधिकारी, किशोर न्याय परिषद), आरव जैन कुमारी और कुमारी डिंपी (न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी) को पीठासीन पदाधिकारी नियुक्त किया गया था। प्रत्येक न्याय पीठ में न्यायिक कार्य में सहयोग के लिए पैनल अधिवक्ताओं को भी नियुक्त किया गया। अरवल व्यवहार न्यायालय में चार न्याय पीठों का गठन किया गया इसी तरह, अरवल व्यवहार न्यायालय में चार न्याय पीठों का गठन किया गया। इनमें राजेश कुमार वर्मा (डी.ए.एस.जे. 2), मनीष कुमार पांडे (मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी), आलोक कुमार (एस.डी.जे.एम.) और दीपक कुमार (न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी) को पीठासीन पदाधिकारी बनाया गया। यहाँ भी न्यायिक कार्य में सहयोग के लिए पैनल अधिवक्ताओं की नियुक्ति की गई थी। प्राधिकार के सचिव ने बताया कि अधिक से अधिक मामलों का निपटारा सुनिश्चित करने के लिए पक्षकारों को पूर्व में ही सूचना दे दी गई थी।
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