देश के अगले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनने जा रहे जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि देश में 5 करोड़ से ज्यादा पेंडिंग केस न्यायपालिका के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं। उन्होंने कहा कि इन बैकलॉग से निपटना और विवाद सुलझाने के लिए मीडिएशन को बढ़ावा देना, उनकी दो प्रायोरिटी होंगी। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा- सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग केस की संख्या 90 हजार को पार कर चुकी है। मेरी पहली और सबसे बड़ी चुनौती ये पेंडिंग केस हैं। मैं इस बात में नहीं जा रहा कि यह कैसे हुआ, कौन जिम्मेदार है। हो सकता है लिस्टिंग बढ़ गई हो। उन्होंने उदाहरण दिया कि दिल्ली के लैंड एक्विजिशन विवाद से जुड़े करीब 1,200 मामले उनके एक फैसले से निपटे थे। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि दूसरा मुद्दा मीडिएशन है। यह विवाद सुलझाने के सबसे आसान तरीकों में से एक है और यह सच में गेम चेंजर हो सकता है। जस्टिस कांत 24 नवंबर को जस्टिस बीआर गवई की जगह देश के 53वें CJI के रूप में शपथ लेंगे। उन्हें 30 अक्टूबर को प्रेसिडेंट द्रौपदी मुर्मू ने CJI के तौर पर अपॉइंट किया था। मीडिएशन को लेकर जागरूकता बढ़ी जस्टिस कांत ने कहा कि देश में मीडिएशन को लेकर जागरूकता तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि हाल ही में भारत की बड़ी प्राइवेट कंपनियों, बैंकों और इंश्योरेंस कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए मीडिएशन ट्रेनिंग की मांग की है, ताकि वे लंबे मुकदमों से बच सकें। देशभर के कोर्ट से पेंडेंसी रिपोर्ट मंगाएंगे उन्होंने कहा कि वे हाईकोर्ट और देशभर की ट्रायल कोर्ट से भी पेंडेंसी की डिटेल रिपोर्ट मंगवाएंगे। हाईकोर्ट से उन पेंडिंग केस के बारे में पूछा जाएगा जिन पर टॉप कोर्ट की बड़ी कॉन्स्टिट्यूशन बेंच फैसला सुनाएंगी। दिल्ली-NCR के बढ़ते प्रदूषण पर प्रश्न पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे प्रतिदिन लगभग 50 मिनट मॉर्निंग वॉक करते हैं और मौसम जैसा भी हो यह आदत नहीं छोड़ते। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि AI पर सावधानी सॉल्यूशन के साथ उसकी बीमारी भी समझनी होगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस न्यायिक संस्थानों के लिए बड़ा समाधान दे सकता है, लेकिन इसके जोखिमों को समझकर ही इसका उपयोग बढ़ाना होगा। जस्टिस सूर्यकांत के यादगार फैसले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत कई कॉन्स्टिट्यूशनल बेंच का हिस्सा रहे हैं। अपने कार्यकाल के दौरान वे संवैधानिक, मानवाधिकार और प्रशासनिक कानून से जुड़े मामलों को कवर करने वाले 1000 से ज्यादा फैसलों में शामिल रहे। उनके बड़े फैसलों में आर्टिकल 370 को निरस्त करने के 2023 के फैसले को बरकरार रखना भी शामिल है। ———————————- ये खबर भी पढ़ें… सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत बोले- मैं दिल से पत्रकार हूं सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत निजी तौर पर पत्रकारिता को काफी पसंद करते हैं। उनका कहना है कि भले वे जज के रूप में काम कर रहे हैं, लेकिन दिल से पत्रकार हैं। पत्रकार की तरह हर केस की तह तक जाने की कोशिश करते हैं। पूरी खबर पढ़ें…
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