जमुई में दो दिवसीय कृषि यंत्रीकरण मेले का शुक्रवार को औपचारिक उद्घाटन किया गया। जिला पदाधिकारी (डीएम) ने इस अवसर पर जिले में लागू सभी कृषि योजनाओं के प्रभावी और पारदर्शी क्रियान्वयन का निर्देश दिया। उन्होंने कृषि अधिकारियों को पारंपरिक खेती से हटकर व्यवसायिक खेती की ओर किसानों को प्रेरित करने पर जोर दिया, ताकि वे तकनीकी रूप से सक्षम बन सकें और उनकी आय में वृद्धि हो। डीएम नवीन ने कहा कि कृषि यंत्रीकरण मेले का समय-समय पर आयोजन आवश्यक है। इससे किसानों को नई तकनीकों और आधुनिक कृषि यंत्रों की जानकारी मिलती है। उन्होंने जिले में मिलेट उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भी विभिन्न योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के निर्देश दिए। जैविक एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर जोर मेले में उपस्थित पुलिस अधीक्षक ने तकनीक के साथ-साथ जैविक एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती से न केवल मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है, बल्कि अनाज में पोषक तत्व भी भरपूर मात्रा में सुरक्षित रहते हैं। जिला कृषि पदाधिकारी ने किसानों को कृषि विभाग की सभी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने आश्वस्त किया कि वरीय पदाधिकारियों द्वारा दिए गए सुझावों पर प्राथमिकता के आधार पर अमल किया जाएगा। कुल 45 प्रकार के आधुनिक कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी लगाई इस मेले में कुल 45 प्रकार के आधुनिक कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें 15 यंत्र विक्रेताओं ने भाग लिया। मौके पर 1504 किसानों को यंत्र खरीदने का अवसर मिला, जिन्हें पहले ही परमिट जारी किए गए थे। कार्यक्रम में उपनिदेशक कृषि, सहायक निदेशक पौधा संरक्षण, जिला उद्यान पदाधिकारी, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे। यह दो दिवसीय मेला किसानों के लिए तकनीकी ज्ञान और आधुनिक खेती की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।
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