जमुई के मलयपुर थाना क्षेत्र के बेला बथान गांव के जंगली इलाके में अवैध बालू लोडिंग का धंधा खुलेआम फल-फूल रहा है। यह काम रात के जगह दिन के उजाले में हो रहा है, जिससे प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक बालू माफिया बिना किसी डर और रोक-टोक के अवैध खनन व परिवहन कर रहे हैं। देवाचक घाट से चोरी का बालू लाकर जंगल में डंप सूत्रों के अनुसार, किऊल नदी के देवाचक घाट से अवैध तरीके से बालू निकाला जाता है। इसके बाद इस बालू को पहले बेला बथान के जंगली क्षेत्र में डंप किया जाता है।फिर मोटी रकम लेकर बिना रजिस्ट्रेशन नंबर वाले टीपर और ट्रैक्टरों में लोडिंग की जाती है। ये वाहन रात-दिन धड़ल्ले से दौड़ते देखे जा सकते हैं। बालू की सप्लाई लखीसराय और मुंगेर तक बताया जा रहा है कि बेला बथान के जंगल मेंड़ में डंप किए गए बालू को बाद में लखीसराय और मुंगेर जिले तक सप्लाई कर दिया जाता है।स्थानीय सूत्रों का कहना है कि इस पूरे नेटवर्क में शामिल लोग वाहनों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करते हैं। स्थानीय लोग बोले- दिनदहाड़े चल रहा धंधा स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन कागजों पर अवैध बालू कारोबार पर रोक लगाने के दावे करता है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है।दिनदहाड़े हो रही लोडिंग की तस्वीरें और गतिविधियां दर्शाती हैं कि बालू माफियाओं को न कानून का डर है और न ही प्रशासन की चिंता।इसी कारण पुलिस-प्रशासन की भूमिका पर गंभीर प्रश्न उठ रहे हैं। खनन पदाधिकारी बोले- जानकारी नहीं थी, टीम भेजी जाएगी इस पूरे मामले में जमुई के खनन पदाधिकारी केशव कुमार ने बताया कि उन्हें घटना की जानकारी नहीं थी।उन्होंने कहा कि अब मिली सूचना के आधार पर छापेमारी के लिए टीम गठित की जाएगी और अवैध धंधे में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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