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जमुई के चकाई आश्रय गृह में युवक की संदिग्ध मौत:स्टाफ की भूमिका पर उठे गंभीर सवाल, ठंडे पानी से बिगड़ी तबीयत,

जमुई के चकाई प्रखंड स्थित बाल संरक्षण इकाई के वृहद आश्रय गृह में शुक्रवार की शाम एक युवक की संदिग्ध मौत से हड़कंप मच गया। मृतक की पहचान राहुल कुमार के रूप में हुई है, जो पिछले करीब सात वर्षों से आश्रय गृह में रह रहा था। राहुल के माता-पिता या परिजनों का अब तक कोई पता नहीं चल सका था और वह अनाथ बच्चों की श्रेणी में बाल संरक्षण इकाई की देखरेख में रह रहा था। इस घटना ने न सिर्फ बाल संरक्षण व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि स्थानीय समाज में भी गहरी चिंता और आक्रोश पैदा कर दिया है। स्टाफ की कथित लापरवाही से मौत की आशंका सूत्रों के अनुसार, राहुल की मौत आश्रय गृह के कुछ कर्मचारियों की कथित लापरवाही के कारण हुई है। बताया जा रहा है कि शुक्रवार की रात उसे सामान्य रूप से दूध और रोटी दी गई थी। इसके बाद देर रात राहुल को बाथरूम पेंट में हो जाने के कारण जबरन ठंडे पानी से नहलाया गया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि राहुल नहाने से इनकार कर रहा था और उसकी तबीयत ठीक नहीं लग रही थी। कुछ अन्य बच्चों और स्टाफ ने भी इसका विरोध किया, बावजूद इसके उसे जबरन नहलाया गया। ठंडे पानी से बिगड़ी तबीयत, सुबह हुई मौत आश्रय गृह से जुड़े सूत्रों का दावा है कि ठंडे पानी से नहलाने के दौरान ही राहुल की तबीयत अचानक बिगड़ गई। रात के बाद उसकी हालत लगातार खराब होती चली गई और शनिवार की सुबह उसकी मौत हो गई। प्रारंभिक तौर पर आशंका जताई जा रही है कि अत्यधिक ठंडे पानी से नहलाने के कारण उसे शारीरिक झटका लगा, जो उसकी मौत का कारण बना। हालांकि, वास्तविक कारणों का खुलासा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगा। सात वर्षों से आश्रय गृह में रह रहा था राहुल राहुल कुमार पिछले सात सालों से बाल संरक्षण इकाई के वृहद आश्रय गृह में रह रहा था। उसके माता-पिता या किसी भी परिजन का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया था। वह पूरी तरह से आश्रय गृह के भरोसे था। आश्रय गृह के दवा वितरण से जुड़ी कर्मी कविता ने बताया कि राहुल का पिछले दो वर्षों से पटना स्थित पीएमसीएच में इलाज चल रहा था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उसकी सेहत पहले से ही पूरी तरह सामान्य नहीं थी। अधिकारियों की चुप्पी, जिम्मेदारी से बचने का आरोप घटना के बाद बाल संरक्षण इकाई के सीपीओ बलबीर कुमार चंद और चकाई के सीपीओ मनोज कुमार ने मीडिया से बातचीत करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें पत्रकारों से बात करने का अधिकार नहीं है। वहीं, एडीसीपी काजल मोदी ने मोबाइल पर बताया कि वे छुट्टी पर हैं और इस घटना की उन्हें फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। अधिकारियों की यह चुप्पी भी कई सवाल खड़े कर रही है। पोस्टमॉर्टम और जांच के आदेश राहुल के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल, जमुई लाया गया, जहां मेडिकल बोर्ड की टीम ने पोस्टमार्टम किया। जिला प्रशासन और बाल संरक्षण इकाई के वरीय अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। आश्रय गृह में तैनात सभी स्टाफ, जिनमें रात की ड्यूटी पर रहे अंकित कुमार सहित अन्य कर्मचारी मिथिलेश, दीपक आदि शामिल हैं, उनसे पूछताछ की जाएगी। साथ ही आश्रय गृह में मौजूद बच्चों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे। स्थानीय समाज में आक्रोश, व्यवस्था पर सवाल इस घटना के बाद स्थानीय समाज में गहरा आक्रोश है। सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने बाल संरक्षण इकाई की कार्यप्रणाली और बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। लोगों का कहना है कि जिन संस्थानों पर बेसहारा बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है, वहीं अगर इस तरह की लापरवाही होगी, तो यह बेहद चिंताजनक है। अब सभी की नजरें जांच रिपोर्ट और प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं।


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