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जब लड़खड़ाते हुए धर्मेंद्र के पास पहुंचे थे पवन सिंह:’ही-मैन’ ने भोजपुरी लड़के को बनाया पावर स्टार; डायलॉग भूलने पर कहते- टेंशन मत लो

दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र का निधन हो गया है। 89 साल के धर्मेंद्र ने सोमवार दोपहर अपने घर पर अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार विले पार्ले श्मशान भूमि में हुआ। धर्मेंद्र के निधन पर पवन सिंह ने फेसबुक पर उनके साथ फोटो शेयर कर लिखा है- धर्मेंद्र जी के जाने की खबर ने दिल को भीतर तक तोड़ दिया है। आज ऐसा लगता है मानो पर्दे से नहीं, जिंदगी से ही एक रौशन उजाला चला गया हो। मेरा सौभाग्य रहा कि मुझे उनके साथ काम करने का अवसर मिला। सेट पर उनकी ममता, सरलता और इंसानियत आज भी याद करके आंखें नम हो जाती हैं। धर्मेंद्र ने भोजपुरी लड़के को पावर स्टार बना दिया पवन सिंह ने एक मंच पर पवन सिंह ने हिंदी सिनेमा के ‘ही-मैन’ धर्मेंद्र के साथ अपने रिश्ते और संघर्ष के दिनों की याद ताजा की थी। उन्होंने बताया था कि कैसे एक दौर में वे इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने के लिए जूझ रहे थे, लेकिन किस्मत ने उन्हें सीधे उस दिग्गज अभिनेता के साए में ला खड़ा किया, जिन्हें वे बचपन से पर्दे पर देखते और भगवान की तरह मानते आए थे। संघर्ष, स्ट्रगल और स्टारडम के इस सफर में धर्मेंद्र ने न सिर्फ उन्हें मौका दिया, बल्कि ऐसे शब्दों की सीख दी, जो आगे चलकर उनके करियर और स्वभाव का स्थायी हिस्सा बन गई। पवन के मुताबिक, भोजपुरी फिल्म के सेट पर हुई पहली मुलाकात ने उनकी सोच बदल दी। वे बताते हैं कि उस दिन उन्हें समझ आया कि बड़े स्टार होने का मतलब सिर्फ चमक–दमक नहीं, बल्कि जमीन से जुड़े रहना भी है। धर्मेंद्र की यही सीख, और पहला बड़ा ब्रेक, आज पवन सिंह के लिए जिंदगी का ऐसा किस्सा बन चुका है, जिसे वे हर मंच से दोहराना चाहते हैं, ताकि नए कलाकार भी इससे सीख ले सकें। पवन सिंह ने बताया था कि, जब मैं इंडस्ट्री में नया–नया था, तब सिर्फ एक तमन्ना थी कि किसी दिन बड़े पर्दे पर अपने हीरो के साथ काम करूं। बचपन से धर्मेंद्र जी को फिल्मों में देखता आया था, लेकिन कभी सोचा नहीं था कि एक दिन उनके साथ एक ही फ्रेम शेयर कर पाऊंगा। लड़खड़ाते हुए धर्मेंद्र के पास पहुंचे पवन सिंह एक भोजपुरी फिल्म के लिए मुझे साइन किया गया और खबर मिली कि उसमें धर्मेंद्र जी भी काम कर रहे हैं। ये सुनते ही जैसे यकीन ही नहीं हुआ। शूटिंग के पहले दिन मैं सेट पर था, लेकिन हिम्मत ही नहीं पड़ रही थी कि उनकी वैनिटी वैन के पास जाऊं। अंदर से डर भी था और एक अजीब-सा संकोच भी कि पता नहीं क्या कहूंगा। उसी दौरान किसी ने आकर कहा – “धरम जी बुला रहे हैं।” इतना सुनते ही मेरे कदम लड़खड़ा गए। दिल की धड़कन तेज थी, हाथ पसीने से भीगे थे। जैसे-तैसे हिम्मत करके वैनिटी वैन के अंदर गया। उन्होंने मुस्कुराकर कहा, “आओ बेटा, बैठो।” उस पल लगा जैसे कोई अपना बुजुर्ग मुझे गले से लगा रहा हो। हमने शूट, किरदार और फिल्मों की बातें कीं। मैंने उन्हें बताया कि मैं स्ट्रगल से आया हूं, और ये मौका मेरे लिए कितना बड़ा है। उन्होंने बहुत सादगी से कहा कि मेहनत करते रहो, स्टार बन जाओ तो भी सिर झुकाकर चलना, लोगों से प्यार से बात करना, क्योंकि यही तुम्हें लंबी रेस का घोड़ा बनाएगा। डायलॉग भूलता तो कहते- टेंशन मत लो बेटा मेरे लिए सबसे बड़ा चमत्कार ये था कि उन्होंने सिर्फ सलाह ही नहीं दी, बल्कि सचमुच मुझे मौका भी दिया। उसी प्रोजेक्ट ने मेरे करियर को नया मोड़ दिया। सेट पर जब मैं सीन दे रहा होता था और कैमरे के ठीक सामने धर्मेंद्र जी खड़े होते थे, तो कई बार डायलॉग भूल जाता था, सिर्फ उन्हें देखता रह जाता था। वे हंसकर कहते, “टेंशन मत लो बेटा, आराम से बोलो।” आज भी जब पीछे मुड़कर देखता हूं, तो लगता है कि अगर उस समय धर्मेंद्र जी जैसा बड़ा स्टार मुझे सपोर्ट न करता, तो शायद मेरी जर्नी कुछ और होती। मेरे लिए वे सिर्फ सुपरस्टार नहीं, एक ऐसे गुरु हैं, जिन्होंने मुझे पहला बड़ा प्लेटफॉर्म दिया और सिखाया कि ऊंचाई पर पहुंचकर भी इंसान छोटा नहीं होना चाहिए। यही वजह है कि हर इंटरव्यू, हर स्टेज पर मैं ये किस्सा ज़रूर सुनाता हूं, ताकि लोग जान सकें कि मेरे जैसे लड़के की जिंदगी में धर्मेंद्र जी की क्या जगह है।


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