जबलपुर: महाकाली विसर्जन के दौरान बड़ा हादसा, हाईटेंशन लाइन की चपेट में आया ट्रक… दो की मौत, 35 से ज्यादा झुलसे

जबलपुर: महाकाली विसर्जन के दौरान बड़ा हादसा, हाईटेंशन लाइन की चपेट में आया ट्रक… दो की मौत, 35 से ज्यादा झुलसे

मध्य प्रदेश के संस्कारधानी जबलपुर में दशहरा पर्व के दूसरे दिन टेमर भीटा गांव में मां महाकाली की प्रतिमा विसर्जन के दौरान बड़ा हादसा हो गया. गांव के सभी लोग विसर्जन जुलूस के साथ ट्रक में माता महाकाली की प्रतिमा लेकर विसर्जन के लिए ग्वारीघाट जा रहे थे. तभी ट्रक अचानक 11 केवी हाईटेंशन बिजली लाइन की चपेट में आ गया. करंट लगते ही पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई. देखते ही देखते श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई. ट्रक पर बैठे दो युवकों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 35 से अधिक लोग गंभीर रूप से झुलस गए. कई की हालत नाजुक बताई जा रही है.

गोरा बाजार थाना क्षेत्र के टेमर भीटा गांव में यह दर्दनाक हादसा हुआ है. इस हादसे में दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई तो वही 35 से ज्यादा लोग घायल हो गए. घायलों को तत्काल उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया. हादसे की सूचना मिलते ही लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, जबलपुर जिला कलेक्टर राघवेंद्र सिंह और पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय सहित जिला प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंचे. मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है.

बताया जा रहा है कि सभी बिना जूते चप्पल के माता को विदाई देने के लिए आए हुए थे. जहां घटना हुई वहां पर नीचे पानी डला हुआ था. जैसे ही माता की मूर्ति बिजली के तारों के नीचे पहुंची बिजली का पाइप तारों पर टच हो गया. उसमें से चिंगारी निकलने लगी और करंट सड़क तक पहुंच गया. इससे पहले की कोई समझ पाता सभी करंट की चपेट में आ गए.

किसकी मौत, कौन घायल?

जिला विक्टोरिया अस्पताल के नाईट ड्यूटी ऑफिसर नितिन यादव ने बताया- अब तक कुल 35 घायलों को इलाज के लिए लाया गया, जिनमें से 33 को आईसीयू में भर्ती किया गया है. इसके साथ ही टेमर भीटा निवासी 38 वर्षीय चिंटू विश्वकर्मा और 48 वर्षीय अखिलेश पटेल की मौत हो गई. वहीं, माखन चौधरी (35), हर्ष पटेल (18), नितिन पटेल (20), अतुल विश्वकर्मा (18), प्रशांत नामदेव (19), मोहित पटेल (24), मयंक नामदेव (20), विवेक यादव (20), कपिल (25), मनीष पटेल (25), राज पटेल (26) समेत अन्य 22 लोग घायल हैं. सभी टेमर भीटा गांव के रहने बाले बताए जा रहे हैं.

सभी घायल खतरे से बाहर

घटना की जानकारी लगते ही लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह देर रात जिला अस्पताल पहुंचे. उन्होंने मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं और घायलों के उपचार की जानकारी ली. मंत्री ने चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी घायलों का बेहतर से बेहतर इलाज सुनिश्चित किया जाए। इस दौरान कलेक्टर राघवेंद्र सिंह और पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय भी मौजूद रहे. डॉक्टरों के अनुसार, सभी घायल अब खतरे से बाहर हैं. हालांकि कई को गंभीर जलन के कारण निगरानी में रखा गया है.

बिजली विभाग को की थी शिकायत

एक घायल श्रद्धालु के परिजन पवन कनौजिया ने बताया- बीते दिन नवरात्रि पर्व से पहले जिला प्रशासन के साथ बैठक में गांव के बाहर झूल रहे तारों को लेकर चर्चा की गई थी. इसके साथ ही गांव भ्रमण के दौरान थाना प्रभारी को भी तार के झूलने की जानकारी दी गई थी, जिनके द्वारा समिति के सदस्यों के सामने थाना प्रभारी ने फोन पर बिजली विभाग के अधिकारियों से चर्चा की थी. उन्होंने आश्वासन दिया था की वो लटक रहे तारों को तत्काल सही करवाएंगे. लेकिन 15 दिन वीत जाने के बावजूद भी बिजली विभाग के अधिकारियों ने मामले पर कोई भी संज्ञान नहीं लिया और नतीजा यह निकला की दो लोगों की जान चली गई और 35 लोग घायल हो गए.

करंट से मौत की तीसरी घटना

राकेश सिंह ने कहा कि यह बेहद दर्दनाक हादसा है और सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बिजली विभाग से भी पूरी घटना की जांच कराई जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. गौरतलब है कि इस नवरात्र में जबलपुर में करंट से मौत की यह तीसरी बड़ी घटना है. इससे पहले बरगी हिल्स स्थित दुर्गा पंडाल के बाहर बिजली के तारों में करंट आने से दो मासूम बच्चों की मौत हो गई थी. वहीं, गढ़ा के शारदा चौक में दुर्गा पंडाल लगाते वक्त एक युवक की करंट लगने से मौत हो गई थी और 15 से अधिक लोग झुलस गए थे. अब तक इस नवरात्र में जबलपुर में करंट हादसों में पांच लोगों की जान जा चुकी है और 50 से अधिक घायल हुए हैं.

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