रूस से चल रही जंग के बीच यूक्रेन में 800 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। घोटाले की जांच के दौरान राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के सबसे भरोसेमंद सलाहकार और चीफ ऑफ स्टाफ एंड्री येरमाक के घर पर एंटी-करप्शन एजेंसियों ने छापेमारी की है। यूक्रेन की दो प्रमुख जांच एजेंसियों NABU और SAP ने येरमाक के अपार्टमेंट की तलाशी ली है। एजेंसियों ने कहा कि यह कार्रवाई अदालत की अनुमति से की गई है। हालांकि अब तक जेलेंस्की या येरमाक पर किसी भी गलत काम का आरोप नहीं लगा है। 54 वर्षीय येरमाक ने सोशल मीडिया पर लिखा कि जांच टीमें उनके घर पर कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई कर रही हैं। उनके वकील भी मौजूद हैं। येरमाक ने बताया कि वो जांच में पूरा सहयोग दे रहे हैं। एनर्जी सेक्टर में सरकारी पैसे की हेराफेरी जांच एजेंसियों ने दावा किया है कि सरकारी ऊर्जा कंपनियों में काम के बदले रिश्वत लेने और सरकारी पैसे की हेराफेरी का बड़ा नेटवर्क पकड़ा गया है। इसमें देश की परमाणु ऊर्जा फर्म एनर्जोएटम का नाम खासतौर पर सामने आया है। आरोप है कि अधिकारियों ने बिजली और ऊर्जा के प्रोजेक्ट्स के लिए रखे गए सरकारी पैसे को निजी फायदे के लिए इस्तेमाल किया गया। रूस के हमलों से पहले ही यूक्रेन की बिजली व्यवस्था चरमराई हुई है। कई शहरों में लोग दिन में कुछ ही घंटे बिजली पा रहे हैं। ऐसे में इस घोटाले ने जनता के गुस्से को और बढ़ा दिया है। जेलेंस्की पर भी दबाव बढ़ा येरमाक युद्ध के दौरान यूक्रेन की रणनीति बनाने और अमेरिका के साथ शांति वार्ता में सबसे अहम भूमिका निभाते रहे हैं। लेकिन हाल के भ्रष्टाचार मामले ने उन्हें झटका दिया है। विपक्ष उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है। घोटाले के बाद जेलेंस्की सरकार ने अब तक दो मंत्रियों को बर्खास्त किया है और कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। एक प्रमुख कारोबारी और जेलेंस्की के पुराने सहयोगी तिमूर मिनडिच देश छोड़कर भाग चुके हैं। जंग, बिजली संकट और अब 800 करोड़ के घोटाले ने जेलेंस्की सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। वहीं, रूस की तरफ़ से शांति वार्ता पर भी दबाव बढ़ रहा है, जिससे यूक्रेन की राजनीतिक स्थिति और जटिल हो गई है।
https://ift.tt/CYNrL45
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply