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छात्रा की हत्या कर हुलिया बदलकर रह रहा था टीचर:3 महीने बाद पैसे खत्म हुए, एक गलती के कारण गिरफ्तारी; सादी वर्दी में थी पुलिस

समस्तीपुर में प्रेमिका की बहन गुड़िया की हत्या के मामले में आरोपी 3 महीने बाद अपनी एक गलती के कारण गिरफ्तार हुआ। असम के गुवाहाटी की RPF कॉलोनी रोड ज्योतिनगर से कुमोद कुमार की गिरफ्तारी हुई। करीब 3 महीने तक वो फरार रहा। 3 महीने के बाद कुमोद पैसे के लिए परेशान होने लगा। वो बहेड़ी में अपने रिश्तेदार के यहां पैसा के लिए फोन करने लगा। बस पुलिस को यहीं से सुराग मिल गया। पुलिस ने उसके रिश्तेदार का मोबाइल सर्विलांस पर लगा रखा था। इस सुराग से यह जानकारी मिल गई कि अभी कुमोद की लोकेशन क्या है। लोकेशन कंफर्म होने के बाद पुलिस टीम को गुवाहाटी भेजा गया। रोसड़ा DSP संजय सिन्हा ने बताया कि तकनीकी साक्ष्य मिलने के साथ ही पुलिस टीम को गुवाहाटी भेजा गया। इस ऑपरेशन को गोपनीय रखा गया, ताकि आरोपी को भनक नहीं लगे। दस दिनों तक लगातार पुलिस की टीम गुवाहाटी के ज्योतिनगर और आसपास सादी वर्दी में निगरानी करती रही। समस्तीपुर के शिवाजीनगर इलाके में 11 अगस्त को 19 साल की गुड़िया कुमारी की कुमुद कुमार ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। करीब 120 दिनों के बाद समस्तीपुर पुलिस ने आरोपी कुमुद को असम के गुवाहाटी से गिरफ्तार किया है। सादी वर्दी में कुमोद को पकड़ने में लगी पुलिस छापेमारी में शामिल पुलिस अधिकारियों ने बताया कि, लोकेशन के आधार पर पुलिस गुवाहाटी पहुंच गई, लेकिन अब कुमोद को ट्रेस करना मुश्किल हो रहा था। उसने अपना हुलिया बदल लिया था। हैट को हटा लिया था और दाढ़ी मूछ भी साफ कर ली थी। वो कमरे से कम ही निकलता था। पुलिस के अनुसार कुमोद ने अपने रिश्तेदार से दस से अधिक नंबरों पर पैसा मंगाया था। पहले पुलिस ट्रेस करती हुई उन सभी लोगों के पास पहुंची। पुलिस ने कुमोद की फोटो दिखाकर सभी से पहचान करनी चाही, लेकिन सभी ने मना कर दिया। इसी दौरान कॉलोनी के एक साइबर कैफे पर वो पैसा मंगाने के लिए पहुंचा, तो पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया। आसपास काम ढूंढ रहा था कुमोद पुलिस के अनुसार कुमोद आरपीएफ कॉलोनी रोड में पुलिस कर्मियों के बच्चों को पढ़ाने के लिए लिंक खोज रहा था। लेकिन इसे कामयाबी नहीं मिली थी। उसने दो स्कूलों में भी हिंदी पढ़ाने के लिए इसने संपर्क किया था। लेकिन पहचान से संबंधित कागजात नहीं देने के कारण इसे काम नहीं मिल पा रहा था। अपने पास रखे पैसे खत्म होने के बाद हजार पांच सौ रुपए के लिए इसने फोन करना शुरू किया, तो पुलिस की गिरफ्त में आया। बिहार शरीफ के नीमगंज गांव का रहने वाला है आरोपी कुमोद DSP ने बताया कि आरोपी कुमुद नालंदा जिला के बिहारशरीफ थाना क्षेत्र के नीमगंज गांव के रहने वाले अशोक कुमार चौधरी का बेटा है। कुमुद बहेड़ी में एक प्राइवेट स्कूल में प्रिंसिपल था। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वारदात को अंजाम देने के बाद पहले खगड़िया भागा और फिर ट्रेन पकड़कर गुवाहाटी पहुंच गया। पुलिस से बचने के लिए उसने दाढ़ी बाल कटवा लिए थे और झूठी जानकारी देकर ज्योति नगर आरपीएफ कॉलोनी रोड स्थित एक मकान में किराए पर रहने लगा था। पहचान पत्र मांगे जाने पर बार-बार मकान मालिक को गुमराह कर रहा था आरोपी जिस मकान में रह रहा था, उसके मकान मालिक की ओर से बार-बार पहचान पत्र मांगा जा रहा था, लेकिन कुमुद लगातार मकान मालिक को पहचान पत्र देने में टालमटोल कर रहा था, उन्हें गुमराह कर रहा था। इसके बाद मकान मालिक को कुमुद पर शक हुआ और उन्होंने लोकल पुलिस को इसकी जानकारी दी। असम की पुलिस ने जब पड़ताल की, तब सारा सच सामने आया। अब जानिए, 11 अगस्त को गुड़िया की कैसे हत्या हुई थी 11 अगस्त यानी सोमवार को कोचिंग पढ़ने जा रही गुड़िया की सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। परिवार वालों का आरोप था कि एक स्कूल टीचर ने गुड़िया की हत्या की है। गुड़िया उत्तर बारी वार्ड-1 के रहने वाले विनय कुमार की बेटी थी। पुलिस ने घटनास्थल से एक खोखा और चाकू बरामद किया था। गुड़िया डीएलएड की तैयारी करती थी। वो दरभंगा जिले के बहेड़ी स्थित एक कोचिंग में रोज घर से ही पढ़ने जाती थी। रोजाना की तरह वो आज भी घर से निकली थी। गुड़िया तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी थी। आरोपी कुमुद मृतका गुड़िया की बड़ी बहन से एकतरफा प्यार करता था, जिसका विरोध गुड़िया करती थी। इसी को लेकर कुमुद ने गुड़िया की हत्या की थी। उधर, मर्डर के बाद गुस्साए लोगों ने आरोपी जिस स्कूल में पढ़ाता था, उस स्कूल में आग लगा दी थी और सड़क जाम कर प्रदर्शन किया था। सपना कुमोद के नाम की मेंहदी लगाती थी DSP ने बताया कि कुमोद के लिए मुख्य रोड़ा गुड़िया थी। चुकी सपना ने जब से कुमोद के बारे में गुड़िया को बताया था वह विरोध कर रही थी। घर परिवार के लोगों को गुड़िया ने ही कुमोद के बारे में जानकारी दी थी। कुमोद के अनुसार सपना के परिवार के लोगों ने उसे करीब तीन लाख रुपए भी लिए थे। पैसे लेने के बाद से ही लोगों ने सपना से इसकी दूरी बढ़ा दी। जबकि वह अब सपना के साथ जिंदगी जीना चाह रहा था। सपना और कुमोद के सोशल मीडिया अकाउंट इसके गवाह भी है। दोनों के सोशल अकाउंट पर अभी भी इसके सबूत भरे पड़े हैं। सपना अपने हाथ पर कुमोद के नाम की मेंहदी भी लगाती थी।


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