छत्तीसगढ़ का बालोद बना देश का पहला ‘बाल विवाह मुक्त’ जिला, 2 सालों में नहीं हुई एक भी चाइल्ड मैरिज
बाल विवाह मुक्त भारत अभियान में छत्तीसगढ़ के बालोद जिले ने इतिहास रचा दिया है. जिले का नाम फिर एक बार देश में गूंज रहा है. बालोद जिला देश का पहला बाल विवाह मुक्त जिला बन गया हैं. बालोद राष्ट्रीय उदाहरण बनकर उभरा है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के संकल्प 2028-29 तक पूरे छत्तीसगढ़ को बाल विवाह मुक्त करने की दिशा में बालोद ने महत्वपूर्ण रोल अदा किया है.
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 27 अगस्त 2024 को शुरू किए ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ राष्ट्रीय अभियान में छत्तीसगढ़ ने ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज कराई है. छत्तीसगढ़ का बालोद जिला देश का पहला जिला बन गया है, जिसे आधिकारिक रूप से बाल विवाह मुक्त जिला घोषित किया किया गया है. जिले की सभी 436 ग्राम पंचायतों और 9 नगरीय निकायों को प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है.
बाल विवाह मुक्त जिला बना बालोद
खास बात यह है कि पिछले दो सालों में बालोद में बाल विवाह का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ. दस्तावेजों के सत्यापन और कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह उपलब्धि दर्ज की गई है, जिससे बालोद पूरे देश के लिए आदर्श मॉडल बन गया है. जिला कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा ने कहा कि यह सफलता प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और स्थानीय समुदाय की सामूहिक भागीदारी का परिणाम है. उन्होंने इस अभियान में सहयोग देने वाले सभी निकायों को धन्यवाद दिया.
CM विष्णुदेव ने जिला प्रशासन को दी बधाई
इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बालोद प्रशासन को बधाई दी. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने बाल विवाह उन्मूलन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और लक्ष्य है कि साल 2028-29 तक पूरे राज्य को बाल विवाह मुक्त घोषित किया जाए. मुख्यमंत्री ने इसे केवल सरकारी अभियान नहीं बल्कि सामाजिक परिवर्तन का संकल्प बताया है. उन्होंने बताया कि अन्य जिलों में भी प्रक्रिया तेज की जा रही है और जिन क्षेत्रों में पिछले दो सालों बाल विवाह का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है, वहां जल्द ही प्रमाण पत्र जारी होंगे.
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