छठ महापर्व के मौके पर मुजफ्फरपुर के बाजारों में फल और पूजा सामग्री की कीमतों में भारी उछाल आया है। इस बार डाला महंगा हो गया है, जबकि केला छोड़कर अन्य फलों के दाम आसमान छू रहे हैं। नारियल, पानी फल, सिंघाड़ा और गन्ने के भाव पिछले साल की तुलना में काफी बढ़ गए हैं, जिससे श्रद्धालुओं की जेब पर असर पड़ रहा है। बिहार में हाल ही में आई बाढ़ के कारण स्थानीय गन्ने की आवक कम हुई है। शहर में ज्यादातर गन्ना मोतिहारी और बेतिया से आता है। इस बार उत्तर प्रदेश के बरेली से लाल गन्ने की भरपूर आवक हुई है। स्थानीय गन्ने की कीमत 50 से 75 रुपए जोड़ा है, जबकि बरेली से लाए गए लाल गन्ने का भाव 120 रुपए जोड़ा तक पहुंच गया है। यूपी से मंगाया गन्ना बैरिया के विक्रेता दिनेश महतो ने बताया कि, “मैंने पहली बार यूपी से 1500 पीस गन्ना मंगाया है।”हल्दी और अदरक की आवक भी बड़ी मात्रा में हुई है। यह सामग्री समस्तीपुर के पूसा से मंगवाई गई है। शुक्रवार की देर रात से ही बाजार में हल्दी और अदरक की आवक शुरू हो गई थी और पहले दिन ही भाव में वृद्धि देखी गई। पूजा सामग्री की कीमतों में वृद्धि (2024 बनाम 2025) बाजार में बढ़ी हुई कीमतों के कारण खरीदारों और दुकानदारों दोनों की चिंता बढ़ गई है। नहाय-खाय और अर्घ्य के दिन हल्दी, अदरक, नारियल और पानी फल की मांग सबसे अधिक रहती है। इस बार बिहार में बाढ़ और सीमित स्थानीय आवक के कारण महंगी सामग्री का दाम सामान्य से अधिक बढ़ा है।
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