देवरिया में छठ महापर्व से पहले पुरवां वार्ड में पूजा स्थल को लेकर विवाद हो गया। रविवार को छठ घाट पर तैयारी कर रही महिलाओं को कुछ लोगों ने रोक दिया, जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया। प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद दो घंटे में मामला शांत हुआ और महिलाओं को अस्थायी स्थान उपलब्ध कराया गया। पुरवां वार्ड की महिलाएं वर्षों से एक नाले के घाट पर छठ पूजा करती आ रही हैं। यह स्थान पारंपरिक घाट के रूप में जाना जाता है। पिछले साल कुछ लोगों ने नाले के किनारे बाउंड्री वॉल बना ली थी, जिससे घाट तक जाने का रास्ता संकरा हो गया। इस बार जब महिलाएं घाट की सफाई और पूजा की वेदी बनाने पहुंचीं, तो बाउंड्री वॉल बनाने वाले लोगों ने पूजा का विरोध किया। विवाद बढ़ने पर महिलाओं ने तर्क दिया कि यह एक सार्वजनिक पूजा स्थल है, जहां वर्षों से छठ पूजा होती रही है। उन्होंने कहा, “छठ पर्व हमारी सामूहिक आस्था का प्रतीक है, इसे कोई निजी संपत्ति नहीं बना सकता।” सूचना मिलने पर सदर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। महिलाओं को पूजा के लिए स्थान उपलब्ध करा दिया गया हालांकि, महिलाएं पूजा स्थल छोड़ने को तैयार नहीं थीं। स्थिति बिगड़ती देख प्रशासनिक अधिकारी, नगर पालिका और राजस्व विभाग की टीमें भी मौके पर पहुंचीं। अधिकारियों ने दोनों पक्षों से बातचीत कर समाधान निकालने का प्रयास किया। लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद, प्रशासन ने विद्यालय परिसर से सटी बाउंड्री वॉल का एक हिस्सा हटवाया। इससे महिलाओं को पूजा के लिए पर्याप्त जगह मिल सकी। इसके बाद महिलाओं ने राहत महसूस की और पूजा स्थल पर अपनी तैयारियां शुरू कर दीं। स्थानीय महिला सावित्री देवी ने बताया, “यह घाट हमारी माताओं और दादियों के समय से चला आ रहा है। यह हमारी आस्था का केंद्र है।” बाउंड्री बनाने वाले पक्ष ने स्पष्ट किया कि उन्होंने यह निर्माण सुरक्षा कारणों से किया था, न कि पूजा रोकने के इरादे से। सदर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक विनोद सिंह ने पुष्टि की कि विवाद का समाधान कर दिया गया है और महिलाओं को पूजा के लिए स्थान उपलब्ध करा दिया गया है।
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