छठ पूजा पर लखनऊ के गोमती स्थित लक्ष्मण मेला मैदान छठ घाट को भव्य तरीके से सजाया गया है। यह छठ घाट उसे वक्त और भी ज्यादा भव्य और सांस्कृतिक नजर आता है जब यहां पर छठ के गीतों का सुर गूंजता है। छठ गीतों का महत्व आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक है। ये गीत सूर्य देव और छठी मैया की भक्ति दर्शाते हैं। येप्रसिद्ध लोक गायिका गीता शुक्ला और प्रीति लाल ने साजो-सामान के साथ दैनिक भास्कर को छठ के अद्भुत गीत सुनाए। छठ गीत गाना पहली पसंद फोक सिंगर गीता शुक्ला ने बताया कि बचपन से ही उन्हें गानों का शौक है। छठ जब करीब आता है तो छठी मैया के गीत गाने के लिए बेहद उत्साहित हो जाती है। लंबे समय से गीत गा रही है। फोग गायकी के साथ अवधि , भोजपुरी , पहाड़ी , उर्दू नात समेत 6 भाषाओं में गाती है। उत्तर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के साथ प्रदेश भर में लोक गायकी को बढ़ावा दे रही है। गीता शुक्ला ने जो गीत सुनाया उसकी पंक्ति- ‘पटना के घाट पर, हमहु अरगिया देब, हे छठी मइया, हम ना जाइब दूसर घाट, देखब ऐ छठी मइया’ है। 5 भाषाओं में गाती है गीत गोमती तट पर फाग के विशेष गीत गाने वाली प्रीति लाल ने कहा कि 1990 से फोक गा रही है। घर में बचपन से ही सांस्कृतिक गीतों का माहौल था इसलिए इसकी प्रॉपर शिक्षा हासिल किया और संगीत सीखा। फाग के साथ क्लासिकल, भजन, बॉलीवुड, ठुमरी लोकगीत, अवधी-भोजपुरी गीत गाती है। अवधि, मैथिली, उर्दू संस्कृत और हिंदी समेत 5 भाषाओं में गाती हैं। विभिन्न प्रकार के गायकी शो में हिस्सा लिया इसके साथ ही प्रदेश भर में लोग गायकी को बढ़ावा देने में अहम योगदान दे रही। प्रीति ने जो गीत सुनाया कुछ कुछ पंक्ति -“छठी मैया के न्योता भेज दिहिन, घाट पर सजली, हम ना जाए दूसर घाट देखब है छठी महिया, हम ना जाए दूसर घाट देखब है छठी महिया।”
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