बिहारशरीफ विधानसभा चुनाव में हार के बाद रविवार को कांग्रेस प्रत्याशी उमैर खान ने जिला कांग्रेस कार्यालय में प्रेस वार्ता की। उन्होंने नवनिर्वाचित विधायक डॉ. सुनील कुमार को बधाई दी, लेकिन साथ ही तंज कसते हुए कहा कि सुनील भाई विधायक बन गए, मगर बिहारशरीफ की जनता हार गई। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान नौजवान शिक्षा और रोजगार पर बात कर रहे थे और बदलाव की लहर दिख रही थी, लेकिन परिणाम इसके विपरीत आए। जीविका की राशि पर गंभीर आरोप उमैर खान ने चुनाव आयोग और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि मतदान से ठीक दो दिन पहले जीविका के माध्यम से लोगों को 10-10 हजार रुपए भेजे गए। उन्होंने कहा कि अब चुनाव जीतने के बाद लाभार्थियों से खस्सी और जानवर खरीदने की पर्ची मांगी जा रही है। खान ने इसे ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार देते हुए कहा कि इस पैसे से बिहार के लोगों पर कर्ज का बोझ और बढ़ गया है। पलायन के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा उमैर खान ने कहा कि वोट के लिए स्पेशल ट्रेन से लोगों को लाया गया, लेकिन अब वापसी में उन्हें जनरल बोगी में जानवरों की तरह खड़े होकर पोरबंदर जाना पड़ रहा है। उन्होंने एसआईआर (मतदाता सूची पुनरीक्षण) प्रक्रिया की भी आलोचना की और कहा कि बीएलओ पर अनावश्यक दबाव डाला जा रहा है। लड़ते रहेंगे जनता की लड़ाई उमैर खान ने कहा कि वे निरंतर जनता के मुद्दों पर लड़ाई लड़ते रहेंगे। उन्होंने सरकार और स्थानीय विधायक से मांग की कि चुनाव में किए गए 1 करोड़ रोजगार के वादे को पूरा किया जाए। साथ ही रहुई और बिहारशरीफ की गरीब व दलित बस्तियों में सड़क, नाली, शिक्षा और स्वास्थ्य की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
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