सिटी रिपोर्टर| बेगूसराय बीएसएसआर यूनियन ने केंद्र सरकार की चार श्रम कानूनों से संबंधित अधिसूचित को पुरी तरह से श्रम विरोधी एवं मालिक पक्षीय बताया है। इसको लेकर हड़ताली चौक पर बीएसएसआर यूनियन के 40 सदस्य एकत्रित हुए और मालिक पक्षीय श्रम कानून का विरोध किया है। मौके पर बीएसएसआर के सचिव राकेश कुमार ने कहा कि सरकार की इस कदम की भर्त्सना करती है, तथा इसे अविलंब वापस लेने की मांग करती है। उन्होंने कहा कि इन चार श्रम कोड्स के माध्यम से सरकार पुराने कई अति आवश्यक कानून को भी बिना कारण निरस्त कर दिया है, जैसे “सेल्स प्रमोशन एम्पलाइज एक्ट 1976“। इन श्रम कोड्स को लागू करने से काम का घंटा स्वतः स्फूर्त आठ घंटे से बारह घंटा हो जाएगा, जिसे कोई मजदूर मना नहीं कर सकता। यह इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन के चार्टर का सरासर उल्लंघन है। साथ ही श्रम कोड्स लागू होने के बाद दो तरीके का न्यूनतम मजदूरी लागू हो जाएगा। कोई भी संगठन ट्रेड यूनियन निबंधन नहीं करा सकता है। इसको लगभग असंभव सा कर दिया है। वहीं हड़ताल के अधिकार को पूरी तरीके से समाप्त कर दिया गया है। — सामाजिक सुरक्षा नाम मात्र का रह जायेगा, जब मूल नियोक्ता के जगह विभिन्न फ्रेंचाइजी एवं ठेकेदार के अंदर काम होगा तो क्या ग्रेच्युटी एवं अन्य सुविधा की बात होगी। इसको लेकर 26 नवंबर को समाहरणालय पर विभिन्न ट्रेड यूनियन एवं किसान के साथ विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा। ये भी थे उपस्थित मौके पर पीके वर्मा, आरएस रॉय, राकेश कुमार,चंदन कुमार, यूनियन के अध्यक्ष रितेश कुमार उपसचिव श्याम, शाखा लोकल कमिटी के सदस्य अशोक कुमार, विजय कुमार, अलाउद्दीन लश्कर, विनीत कुमार, सुशील कुमार आदि मौजूद है।
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