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चार दोषियों को आजीवन कारावास और जुर्माना:बक्सर में जमीन विवाद को लेकर हत्या मामले में सिविल कोर्ट का फैसला

बक्सर के सिमरी थाना क्षेत्र में जमीन विवाद के दौरान हुई मारपीट में एक व्यक्ति की मौत के मामले में गुरुवार को बक्सर व्यवहार न्यायालय में बड़ा फैसला आया। माननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे-5) की अदालत ने चारों आरोपियों को हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही प्रत्येक अभियुक्त पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। अपर लोक अभियोजक शेषनाथ सिंह और अनिल सिंह ने बताया कि यह मामला 11 अगस्त 1993 का है। सिमरी थाना क्षेत्र के दुधिपटी गांव निवासी अशोक कुमार राय अपने दरवाजे पर बैठे हुए थे। इसी दौरान गांव के ही रामप्रवेश राय ने उनके दरवाजे पर आकर गाली-गलौज करते हुए धमकी दी और कहा कि “साले को सुधार करेंगे।” इसके बाद आरोपियों ने लाठी-डंडे और धारदार हथियार से अशोक राय पर हमला कर दिया। हमले में वह गंभीर रूप से जख्मी हो गए। इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया घायल अशोक राय को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 13 अगस्त 1993 को उनका बयान दर्ज किया गया। इसके बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मृतक के बयान और अन्य साक्ष्यों के आधार पर सिमरी थाना में रामप्रवेश राय, रामाश्रय राय, रामपुकार राय—तीनों पिता केदारनाथ राय—और समरेन्द्र पांडेय उर्फ सतीश राय, पिता सुभाष राय, सभी निवासी दुधिपटी गांव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 10-10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने गवाहों और ठोस साक्ष्यों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। न्यायालय ने सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद चारों अभियुक्तों को घटना का दोषी पाया। अदालत ने चारों को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ प्रत्येक पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। जुर्माना नहीं देने की स्थिति में अतिरिक्त सजा का भी प्रावधान किया गया है। एक अन्य हत्या के मामले में भी दोष सिद्ध किया इधर, एडीजे-5 की अदालत ने एक अन्य हत्या के मामले में भी दोष सिद्ध किया है। अपर लोक अभियोजक शेषनाथ सिंह ने बताया कि सिकरौल थाना क्षेत्र के बिक्रम इंग्लिश गांव में वर्ष 2018 में लकड़ी काटने के विवाद को लेकर दो भाइयों—मुद्रिका सिंह और चंद्रिका सिंह—के बीच मारपीट हो गई थी। इस घटना में चंद्रिका सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए थे और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। इस मामले में मुद्रिका सिंह और विनोद सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। न्यायालय ने गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्तों को दोषी पाया है। हालांकि सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए अगली तिथि निर्धारित की गई है।


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