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चाईबासा-डॉक्टर की लापरवाही से 5 बच्चे HIV पॉजिटिव:थैलेसिमिया थैलेसीमिया पीड़ित को चढ़ाया संक्रमित खून; सिविल सर्जन समेत कई अधिकारियों सस्पेंड

झारखंड के चाईबासा में स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां के सदर अस्पताल में ब्लड ट्रांसफ्यूजन (ब्लड चढ़ाना) के बाद थैलेसीमिया पीड़ित 5 बच्चे HIV पॉजिटिव पाए गए हैं। अब इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक्शन लेते हुए सिविल सर्जन समेत संबंधित अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। साथ ही उन्होंने पीड़ित बच्चों के परिवारों को 2-2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का निर्देश दिए हैं। इसके अलावा संक्रमित बच्चों का पूरा इलाज राज्य सरकार की ओर से कराने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।’ साथ ही झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य स्वास्थ्य सचिव और जिला सिविल सर्जन से रिपोर्ट मांगी है।
पांच बच्चे HIV पॉजिटिव पाए गए, हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान दरअसल, 3 सितंबर को यहां थैलेसीमिया पीड़ित 7 साल के बच्चे को संक्रमित खून चढ़ा दिया गया है। 18 अक्टूबर को उसकी जांच की गई तो वह HIV पॉजिटिव मिला। जब मामले ने तुल पकड़ा तो झारखंड हाईकोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया। जांच के आदेश दिए। फिर शनिवार को रांची से झारखंड सरकार की 5 सदस्यीय टीम चाईबासा सदर अस्पताल पहुंची और जांच की। पता चला कि 4 और बच्चों को संक्रमित खून चढ़ाया गया था और उनकी भी HIV रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इनमें से दो बच्चे अभी भी सदर अस्पताल के पीकू वार्ड में भर्ती हैं। स्वास्थ्य निदेशक बोले – कैसे हुआ संक्रमण, जांच जारी स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक डॉ दिनेश कुमार ने बताया कि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि बच्चों में संक्रमण कैसे फैला। जांच की जा रही है कि क्या उन्हें संक्रमित खून चढ़ाया गया या किसी अन्य माध्यम से यह संक्रमण पहुंचा। उन्होंने बताया कि चाईबासा जिले में फिलहाल 515 HIV संक्रमित मरीज हैं, जबकि 56 बच्चे थैलेसीमिया से पीड़ित हैं। टीम ने ब्लड बैंक, पीकू वार्ड और लैबोरेटरी का निरीक्षण किया। संबंधित कर्मियों से पूछताछ की। सभी कर्मचारियों और डॉक्टरों को जांच के दायरे में लाने का निर्देश दिया गया है। ब्लड बैंक में भारी लापरवाही, मिलीं कई खामियां निरीक्षण के दौरान मेडिकल टीम ने ब्लड बैंक और लैबोरेटरी में कई गंभीर अनियमितताएं पाईं। रिकॉर्ड रखरखाव से लेकर ब्लड स्क्रीनिंग तक की प्रक्रिया में गड़बड़िया सामने आईं। डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन को एक सप्ताह के भीतर सभी खामियां दूर करने का निर्देश दिया गया है। तब तक ब्लड बैंक केवल आपात स्थिति में ही कार्य करेगा। इस घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। लोगों में गुस्सा है कि आखिर इतने बड़े स्तर पर लापरवाही कैसे हुई। छोटे बच्चों की जिंदगी दांव पर क्यों लगाई गई। जिले में 515 HIV पॉजिटिव, 56 थैलेसीमिया मरीज आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, पश्चिम सिंहभूम जिले में 515 HIV पॉजिटिव मामले और 56 थैलेसीमिया मरीज हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों को संबंधित ब्लड ट्रांसफ्यूजन से जुड़े सभी डोनर्स का पता लगाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि संक्रमण को और फैलने से रोका जा सके।


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