घर खरीदने से पहले जरूर चेक करें ये कागजात, वरना हो जाएगा मोटा नुकसान
घर खरीदना जिंदगी का एक बड़ा पड़ाव होता है, लेकिन यहीं पर कई लोग गलती कर बैठते हैं, क्योंकि वे जरूरी कागजात को ठीक से नहीं देखते. भारत में प्रॉपर्टी से जुड़ी धोखाधड़ी और विवाद आम बात हैं. खुद को सुरक्षित रखने का सबसे अच्छा तरीका है. साइन करने या पैसे देने से पहले सभी दस्तावेजों की अच्छी तरह जांच करना.
1. टाइटल डीड से शुरू करें
टाइटल डीड वह दस्तावेज होता है जो यह साबित करता है कि प्रॉपर्टी का असली मालिक कौन है. हमेशा मूल कॉपी देखने की मांग करें. यह सुनिश्चित करें कि विक्रेता का नाम सरकारी रिकॉर्ड से मेल खाता है और प्रॉपर्टी पर उसका पूरा हक है. यानी उस पर कोई विवाद या बंधक नहीं है.
2. एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट देखें
यह सर्टिफिकेट बताता है कि उस प्रॉपर्टी पर कोई बकाया लोन या कानूनी बकाया तो नहीं है. यह सर्टिफिकेट सब-रजिस्ट्रार ऑफिस से मिलता है और आमतौर पर पिछले 15 से 30 सालों की जानकारी देता है. अगर उस प्रॉपर्टी पर कोई बैंक लोन बाकी है, तो यह सर्टिफिकेट में दिख जाएगा, ताकि आपको पता चल सके कि विक्रेता कोई जिम्मेदारी आप पर तो नहीं डाल रहा.
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3. प्लान और अप्रूवल जांचें
अगर आप किसी अपार्टमेंट या हाउस प्रोजेक्ट में घर खरीद रहे हैं, तो यह जरूर जांचें कि बिल्डर को लोकल डेवलपमेंट अथॉरिटी या नगर निगम से मंजूरी मिली है या नहीं. बिल्डिंग का स्वीकृत नक्शा मांगे और देखें कि जो बन रहा है, वही प्लान के अनुसार है या नहीं. गलत या अवैध निर्माण पर बाद में जुर्माना या तोड़फोड़ का नोटिस भी आ सकता है.
4. टैक्स और बिलों की जांच करें
यह देखें कि प्रॉपर्टी टैक्स या बिजली-पानी के बिल बकाया तो नहीं हैं. विक्रेता से ताजा टैक्स रसीदें लें और सुनिश्चित करें कि कोई बाकी भुगतान नहीं है. इससे यह भी पता चलता है कि प्रॉपर्टी स्थानीय निकाय में ठीक से रजिस्टर्ड है.
5. RERA रजिस्ट्रेशन न भूलें
अगर प्रोजेक्ट निर्माणाधीन है, तो यह जांचें कि बिल्डर ने प्रोजेक्ट को रेरा (RERA Real Estate Regulatory Authority) में रजिस्टर कराया है या नहीं. हर राज्य की अपनी RERA वेबसाइट होती है जहां आप प्रोजेक्ट की जानकारी डालकर जांच सकते हैं. RERA रजिस्ट्रेशन से पारदर्शिता बढ़ती है और खरीदारों को कानूनी सुरक्षा मिलती है.
6. वकील की मदद क्यों जरूरी है
भले ही यह थोड़ा खर्चीला लगे, लेकिन किसी प्रॉपर्टी वकील से दस्तावेजों की जांच करवाना भविष्य में लाखों बचा सकता है. वकील वो बातें पकड़ सकते हैं जो आमतौर पर नजर से छूट जाती हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि आपका एग्रीमेंट और सेल डीड कानूनी तौर पर मजबूत हों.
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